छत्तीसगढ़ में सड़क बुनियादी ढांचे के विकास को नई गति मिली है. राज्य को पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग (लेफ्ट हैंड साइड) प्राप्त हुई है, जिसका निर्माण मात्र 12 महीनों में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पूरा किया. यह उपलब्धि राज्य के दूरस्थ और पहाड़ी इलाकों में कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा करते हुए लिखा, “पहाड़ों के पार अब उम्मीदों की राह बनी!” उन्होंने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और NHAI टीम को धन्यवाद दिया, इसे “समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़” के विजन का हिस्सा बताया.
इस पृष्ठभूमि में, छत्तीसगढ़ का सड़क नेटवर्क लंबे समय से विकास की बाधा बन रहा था. राज्य में घने जंगल, आदिवासी क्षेत्र और भौगोलिक चुनौतियां होने के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार मुश्किल था. 2000 में अलग राज्य बनने के बाद से सरकारें सड़कों पर फोकस कर रही हैं, लेकिन हाल के वर्षों में केंद्र सरकार की पहल से तेजी आई है.
नितिन गडकरी के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता दी है. सितंबर 2024 में 11,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली, जिसमें चार प्रमुख राजमार्गों के DPR शामिल हैं. नवंबर 2024 में 20,000 करोड़ की परियोजनाओं का ऐलान हुआ, जिसमें धमतरी-जगदलपुर, रायपुर-बलौदाबाजार जैसे फोरलेन प्रोजेक्ट हैं.
जुलाई 2025 में सीएम साय और गडकरी की मुलाकात में आदिवासी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया, जो लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म उन्मूलन के लक्ष्य से जुड़ा है.
यह सुरंग पहाड़ी इलाकों में यात्रा को सुरक्षित और तेज बनाएगी, मौसमी बाधाओं को कम करेगी. राज्य में वर्तमान में 20 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, कुल 3,575 किमी लंबे, लेकिन नई परियोजनाओं से यह अमेरिकी स्तर का हो जाएगा, जैसा गडकरी ने वादा किया.
यह आर्थिक विकास, पर्यटन और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा. सीएम साय ने अंजोर विजन 2047 के तहत एकीकृत परिवहन प्रणाली पर बल दिया. केंद्र-राज्य सहयोग से छत्तीसगढ़ अब विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जहां सड़कें न केवल कनेक्टिविटी का माध्यम हैं, बल्कि समृद्धि का प्रतीक भी.