बिहार चुनाव का ऐलान होते ही एनडीए और महागठबंधन का पूरा ध्यान सीट बंटवारा पर है। दोनों गठबंधनों में अभी तक सीट शेयरिंग नहीं पर पेंच फंसा हुआ है। जबकि 6 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का चुनाव होना है।
सूत्रों ने बताया कि महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है। राजद को 130 से 135 सीटें और कांग्रेस को 55 से 58 सीटें मिलना तय हुआ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 8 अक्टूबर को शाम 7 बजे सरकारी आवास पर महागठबंधन की बैठक करेंगे। उसी दौरान सीटों के इस फॉर्मूले पर अंतिम मुहर लगेगी। वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी सीटें कम करने की बात मान गए है लेकिन उपमुख्यमंत्री पद के लिए अब भी अड़े हुए हैं।
वीआईपी और लेफ्ट को इतनी सीटें
सीट बंटवारा फॉर्मूल में राजद और कांग्रेस के अलावा वीआईपी और लेफ्ट की सीटें भी तय हो गई हैं। महागठबंधन वीआईपी को 14 से 18 और लेफ्ट को 30 से 32 सीटें देने के लिए तैयार है। इसके अलावा जेएमएम को 3 और पशुपति पारस को 2 सीटें राजद अपने खाते से देगी।
कांग्रेस सांसद ने की पुष्टि
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने कहा है कि इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा आज शाम तक तय हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी सहयोगी दलों के बीच सहमति बन रही है। पुनिया ने कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा माना गया है, लेकिन कांग्रेस का तरीका हमेशा से अलग रहा है। कांग्रेस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करती, बल्कि विधायकों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री का चयन किया जाता है। तनुज पुनिया ने स्पष्ट किया कि राजद अपने नेता तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में देख रही है, लेकिन कांग्रेस की प्रक्रिया संस्थागत और लोकतांत्रिक है।
चुनाव नहीं लड़ने की कही बात
15 सीटें मांगने के बाद हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है। मांझी ने कहा कि हम NDA में अपमानित हो रहे हैं। मेरी प्रार्थना है कि हमारी बात सुनी जाए और 15 सीट हमारी पार्टी को मिलनी चाहिए। मांझी ने कहा कि अगर महागठबंधन में हमें 15 से कम सीटें मिलती हैं तो हम प्रादेशिक पार्टी ही रह जाएंगें। कहा कि हमारे पास आखिरी विकल्प एनडीए से अलग चुनाव चुनाव लड़ने का है। जिससे हम 6 फीसदी वोट हासिल कर सके, जिससे राज्य राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता मिल सके।