चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया (Nvidia) के CEO जेन्सेन हुआंग (Jensen Huang) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B Visa पर फीस बढ़ोतरी पर एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी कंपनी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हालिया आदेश के बावजूद H-1B वीज़ा को स्पॉन्सर करना जारी रखेगी और इससे जुड़े सभी खर्चों को खुद वहन करेगी।
रॉयटर्स के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, यह जानकारी बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट में दी गई है।
भारतीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर
ट्रंप प्रशासन के आदेश के बाद अमेरिका में टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों, खासकर भारत और चीन से आने वाले पेशेवरों के बीच चिंता और भ्रम की स्थिति बन गई थी। इसी को देखते हुए हुआंग ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि कंपनी उनके साथ खड़ी है और उनकी वीज़ा प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आएगी। ऐसे में भारतीय कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर मानी जा रही है।
रॉयटर्स के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, हुआंग ने अपने संदेश में लिखा, “एनवीडिया के कई कर्मचारियों की तरह मैं भी एक प्रवासी हूं। अमेरिका में मिले अवसरों ने हमारी ज़िंदगी को गहराई से बदल दिया है। एनवीडिया का यह चमत्कार – जो आप सब और दुनिया भर के प्रतिभाशाली साथियों ने मिलकर बनाया है – प्रवास के बिना संभव ही नहीं था।”
ट्रम्प का आदेश और नई वीज़ा फीस
ट्रम्प प्रशासन ने पिछले महीने एक कार्यकारी आदेश (executive order) जारी किया था, जिसके तहत अब हर नए H-1B वीज़ा आवेदन पर 1 लाख डॉलर (लगभग ₹83 लाख) की अतिरिक्त फीस देनी होगी।
यह आदेश उन कंपनियों पर लागू होगा जो नए H-1B वीज़ा स्पॉन्सर करेंगी। हालांकि, यह नियम पहले से वीज़ा धारकों या 21 सितंबर से पहले आवेदन कर चुके लोगों पर लागू नहीं होगा।
क्या हैं H-1B वीज़ा?
H-1B वीज़ा के ज़रिए अमेरिकी कंपनियां विदेशी पेशेवरों को स्पेशल स्किल्स वाली नौकरियों में नियुक्त कर सकती हैं – जैसे इंजीनियरिंग, आईटी, डेटा साइंस, और रिसर्च।
हुआंग ने कहा – अमेरिका की टेक लीडरशिप के लिए प्रवास ज़रूरी
हुआंग ने आगे कहा कि “कानूनी प्रवास (legal immigration) यह सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी है कि अमेरिका तकनीक और विचारों में अग्रणी बना रहे। ट्रंप प्रशासन के हालिया बदलावों से यह बात और भी स्पष्ट हो गई है।”
कैलिफ़ोर्निया में सबसे ज़्यादा H-1B आवेदन
यूएससीआईएस (USCIS) के आंकड़ों के अनुसार, कैलिफ़ोर्निया, जहां सिलिकॉन वैली और एनवीडिया जैसी बड़ी टेक कंपनियां स्थित हैं, 2018 से अब तक हर साल सबसे अधिक H-1B वीज़ा आवेदन दर्ज करने वाला राज्य रहा है।