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“पश्चिम बंगाल के BJP सांसदों से मिले PM मोदी, SIR प्रक्रिया और चुनाव को लेकर कही ये बात”

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बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दल अब अगले साल कुछ राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए कमर कसते दिख रहे हैं. अगले साल जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है.

चुनाव से पहले वहां पर भी एसआईआर की प्रक्रिया कराई जा रही है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को संसद भवन में बंगाल के सांसदों से राज्य में जारी SIR अभियान पर उनका फीडबैक भी लिया. साथ ही चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी सांसदों को कड़ी मेहनत करने की सीख भी दी.

दिल्ली में पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों से मुलाकात की. सूत्रों का कहना है कि राज्य में जारी वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मसले पर पीएम मोदी ने अपने सांसदों से बातचीत की. पीएम ने उनसे कहा कि SIR शुद्धिकरण की प्रक्रिया है और ये होना ही है. यह एक सरल प्रक्रिया है और इसे जटिल नहीं बनाया जाना चाहिए. आम लोगों के बीच भी यही साफ संदेश जमीन तक पहुंचना चाहिए.

पात्र वोटर्स को ही शामिल करना लक्ष्यः PM मोदी

उन्होंने सांसदों से कहा, “SIR का मकसद सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि जो मतदाता पात्र हैं, उन्हें शामिल किया जाए और जो पात्र नहीं हैं उन्हें वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाए.”

पश्चिम बंगाल में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं, और बीजेपी की कोशिश पहली बार राज्य में सत्ता पर काबिज होने की है. सूत्रों के मुताबिक सांसदों के साथ मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने सांसदों में जोश भरते हुए कहा, “हमें इसके लिए कड़ी मेहनत करनी है और यह सुनिश्चित करना है कि हम बंगाल में यह चुनाव जीतें. आप लोग बहुत आगे बढ़ चुके हैं. हमें इस सत्ता के खिलाफ लड़ाई को जारी रखना होगा.”

सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में रहने का निर्देश

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से लगातार संपर्क करते रहना चाहिए. पीएम ने सांसदों से सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल करने का निर्देश दिया और कहा कि केंद्र सरकार के कामों को भी जनता तक पहुंचाया जाए.

दूसरी ओर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने लीक हुए व्हॉट्सऐप मैसेज का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल प्रशासन एसआईआर में मर चुके वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट में बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. हालांकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया.