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कश्‍मीर ही नहीं पंजाब भी निशाने पर, पाकिस्‍तान ने बदला आतंक वाला पार्टनर, क्या है नया प्लान? BSF का बड़ा खुलासा

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पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की आग को भड़काने के लिए पाकिस्तान ने अपना एक नया टेररिस्ट पार्टनर खोज लिया है. पंजाब में खालिस्‍तानी आतंकियों के मंसूबों को आगे बढ़ाने और जम्मू-कश्मीर में दहशतगर्दी फैलाने के लिए पाकिस्तान का नया टेररिस्ट पार्टनर अब खुलकर हथियारों की सप्‍लाई भी करने लगा है. बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (Border Security Force) ने हाल ही में एक ऐसी साजिश का पर्दाफाश किया है, जिसके बाद तुर्की और पाकिस्तान की मिलीभगत खुलकर सामने आ गई है.
जी हां, पाकिस्‍तान का यह नया टेरेरिस्‍ट पार्टनर, कोई और नहीं, बल्कि तुर्की ही है. आप को याद होगा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी तुर्की ने पाकिस्‍तान का खुलकर समर्थन करते हुए हथियारों की सप्‍लाई की थी. हाल का मामला भारत-पाकिस्‍तान इंटरनेशनल बॉर्डर से सटे पंजाब के अमृतसर और तरनतारन बॉर्डर से जुड़ा हुआ है, जहां बीएसएफ की सतर्कता ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया है. बीएसएफ ने तुर्की में बने हथियारों की एक खेप को पकड़ा है, जिसे ड्रोन के जरिए पाकिस्‍तान की तरफ से अमृतसर और तरनतारन बार्डर पर गिराया गया था.
बीएसएफ के सीनियर ऑफिसर ने बताया कि अमृतसर के पास नेस्ता गांव में संदिग्ध ड्रोन मूवमेंट की खबर मिलने के बाद बीएसएफ की क्विक एक्‍शन टीम और पेट्रोलिंग पार्टी एक्शन में आ गई थीं. तलाशी के दौरान मौके से दो पिस्टल, चार मैगजीन और एक बाइक बरामद की गई. इसके अलावा, तरनतारन के नौशेरा धल्ला गांव के पास एक प्लास्टिक की बोतल में छिपाकर रखे गए पिस्टल के पार्ट्स भी बरामद किए गए. इतना ही नहीं, तरनतारन के राजोके गांव के पास बीएसएफ ने 75 राउंड 9mm कैलिबर की गोलियां बरामद की है.

बॉर्डर से बरामद हुआ हथियारों का बड़ा जखीरा
उन्‍होंने बताया कि अमृतसर के नेस्ता गांव से बरामद की गईं स्‍टल और मैगजीन तुर्की में बने हुए हथियार हैं, जबकि तरनतारन के राजोके गांव के पास से बरामद की गई 75 राउंड 9mm कैलिबर की गोलियों पर पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की मुहर लगी हुई थी. आपको बता दें कि पाकिस्तान अब अपनी आतंकी साजिशों को अंजाम देने के लिए चीनी हथियारों की जगह टर्की के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है. पहले जहां AK-47 और दूसरे चीनी हथियार पंजाब और जम्मू-कश्मीर में तस्करी के जरिए पहुंच रहे थे, अब तुर्की में बने ड्रोन और हथियारों का इस्तेमाल बढ़ गया है.

तुर्की, पाक और खालिस्तानी आतंकियों का गठजोड़
कश्‍मीर में एंटी टेररिस्‍ट ऑपरेशन से जुड़ी एजेंसीज का यह भी कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद टर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ देना शुरू कर दिया है. तुर्की अब पाकिस्‍तान को न सिर्फ हथियारों की सप्लाई कर रहा है, बल्कि खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दे रहा है. वहीं, पाकिस्तान की आईएसआई लंबे समय से खालिस्तानी आतंकियों को सपोर्ट कर रही है. पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने के लिए ड्रोन के जरिए हथियार, ड्रग्स और पैसे की सप्लाई हो रही है.