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देश सहित छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा हो रहा, माओवादी आतंक का खात्मा तय…

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देश सहित छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा हो रहा है। छत्तीसगढ़ का कुख्यात माओवादी आतंकी हिडम 18 नवंबर को मारा गया। छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने हिडमा की पत्नी समेत कुल 6 नक्सली-माओवादियों को ढेर कर दिया है। वस्तुत: नक्सलवाद-माओवाद के समूलनाश के पीछे केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की साय सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता है।जो सरेंडर करने वालों का स्वागत भी कर रही है। पुनर्वास भी सुनिश्चित कर रही है। लेकिन अगर माओवादी,आतंक का रास्ता नहीं छोड़ते तो उनका अंत भी तय है। यानी मिशन-2026 पूरी तरह से एक्टिवेट है।

17 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में रामनाथ गोयनका व्याख्यान में भी माओवादी आतंक की समाप्ति का ज़िक्र किया। अर्बन नक्सलियों और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि – “पूरे देश में नक्सलवाद-माओवादी आतंक का दायरा बहुत तेजी से सिमट रहा है, लेकिन कांग्रेस में ये उतना ही सक्रिय होता जा रहा था। आप भी जानते हैं, बीते पांच दशकों तक देश का करीब-करीब हर बड़ा राज्य, माओवादी आतंक की चपेट में, चपेट में रहा। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य था कि कांग्रेस भारत के संविधान को नकारने वाले माओवादी आतंक को पालती-पोसती रही और सिर्फ दूर-दराज के क्षेत्रों में जंगलों में ही नहीं, कांग्रेस ने शहरों में भी नक्सलवाद की जड़ों को खाद-पानी दिया। कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी संस्थाओं में अर्बन नक्सलियों को स्थापित किया है।”

साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरी गंभीरता के साथ देश की एकता पर गंभीर ख़तरे को भी चिन्हांकित किया। उन्होंने कहा कि – “10-15 साल पहले कांग्रेस में जो अर्बन नक्सली, माओवादी पैर जमा चुके थे, वो अब कांग्रेस को मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, MMC बना चुके हैं। और मैं आज पूरी जिम्मेदारी से कहूंगा कि ये मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि दे चुकी है। आज की मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, देश की एकता के सामने बहुत बड़ा खतरा बनती जा रही है।”

यानी संदेश साफ है कि नक्सलवाद-माओवाद के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति तय है। मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद-माओवाद का संपूर्ण खात्मा सुनिश्चित है। ये अभियान अपने अंतिम चरण पर है। साथ ही नक्सलवाद-माओवाद को पालने-पोसने वालों और समर्थकों के लिए कड़ी चेतावनी है। अगर देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा से खेलेंगे तो अंज़ाम बुरा होगा।

वहीं छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजयशर्मा जिस तरह से नक्सलवादमाओवाद के उन्मूलन में मिशन मोड में लगे हैं। वो क़ाबिले तारीफ़ है। माओवादी हिडमा के मारे जाने के पहले विजय शर्मा उसके गांव पूवर्ती गए थे। हिडमा की मां के साथ भोजन किया था। पुत्रवत रुप में उनका आदर सत्कार किया था। हिडमा की मां से सरेंडर करवाने के लिए अपील भी करवाई थी। इसके बाद जब हिडमा ने सरेंडर नहीं किया तो सुरक्षाबलों ने उसे नेस्तनाबूद कर दिया।

2023 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार की वापसी होने के बाद बस्तर क्षेत्र से माओवादियों का खात्मा हो रहा है। व्यापक स्तर पर आत्मसमर्पण कराया जा रहा है। पहले ‘बोली फिर ‘गोली दोनों का प्रयोग किया जा रहा है। स्थायी शांति की ओर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।‌

इसके साथ ही जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चेताया है चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं। माओवादियों काअर्बनमॉडल जिसेअर्बन नक्सलीके नाम से जाना जाता है। वो अभी भी देश भर में सक्रिय हैं। नई रणनीतियों पर लगा हुआ है। लेकिन ये तय है कि देश भर से नक्सलवाद-माओवादी आतंकवाद का खात्मा होगा। अर्बन नक्सलियों के ताबूत में भी अंतिम कील ठोंकी जाएगी। स्थायी शान्ति और विकास की बहाली होगी। ये नया भारत है। जो अपने नागरिकों की सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। संदेश साफ है देशविरोधी कोई कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।