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“बांग्लादेश को दूसरा आतंकी मुल्क बनने से रोके भारत, हसीना के ‘सांसदों’ ने खुलकर मांगी मदद”

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ढाका में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों में मौत की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद, अवामी लीग के वे शीर्ष नेता खुलकर सामने आ गए हैं।

ये लोग वर्तमान में अज्ञात स्थानों पर निर्वासन में जी रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे तभी बांग्लादेश लौटेंगे जब- राजनीतिक समावेशन सुनिश्चित होगा और उनके खिलाफ दर्ज मामलों में न्यायिक राहत मिलेगी। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत हसीना को शरण, सम्मान और सुरक्षा देना जारी रखेगा।

सैकड़ों नेता निर्वासन में, हजारों कार्यकर्ता जेल में

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करने वाले कई अवामी लीग नेताओं और पूर्व सांसदों ने बताया कि पार्टी के लगभग सौ से अधिक नेता विदेशों में रह रहे हैं और इतने ही नेता एवं हजारों कार्यकर्ता बांग्लादेश में जेलों में बंद हैं। चार बार के सांसद नाहिम रज्जाक ने कहा कि सरकार द्वारा अवामी लीग को पूरी तरह समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यूनुस सरकार पार्टी पर प्रतिबंध, नेताओं पर आपराधिक मुकदमे, परिवारों को निशाना बना रही है और बैंक खातों पर रोक लगा रही है। उन्होंने कहा कि शेख हसीना के खिलाफ आया यह फैसला उन्हें और अधिक प्रेरित कर रहा है। रज्जाक ने कहा- वापस जाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन अगर पार्टी पर लगा प्रतिबंध हटे और हमें जमानत मिले, तो हमारा पूरा नेतृत्व और कैडर संघर्ष के लिए तैयार है।

‘यूनुस सरकार जल्द गिरेगी’

सभी नेताओं का मानना है कि प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अधिक दिन टिक नहीं पाएगी। पूर्व वस्त्र एवं जूट मंत्री जाहिद नानक ने कहा कि यूनुस के नेतृत्व में होने वाला कोई भी चुनाव विश्वसनीय नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा कि यूनुस को इस्तीफा देना ही होगा। अवामी लीग के वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि हम उनके नेतृत्व में होने वाले किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे।

भारत से बड़ी अपेक्षाएं

71 वर्षीय नानक ने भारत से यह उम्मीद जताई कि वह बांग्लादेश को दूसरा आतंकी या इस्लामिक स्टेट जैसा राष्ट्र बनने से रोकेगा। उन्होंने कहा कि भारत को हमारे साथ खड़ा होना होगा। आईटीसी का गठन करने और प्रधानमंत्री को गैर-कानूनी तरीके से मौत की सजा सुनाने वाली इस अंतरिम सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई में भारत को सहायता करनी चाहिए।

‘हसीना के बिना चुनाव नहीं’

तीन बार सांसद रहे पंकज नाथ ने कहा कि हसीना को दी गई मौत की सजा से सभी स्तब्ध हैं। उन्होंने दावा किया कि हसीना की अनुपस्थिति में कोई भी चुनाव स्वीकार्य नहीं होगा। जनता भी ऐसे चुनाव में भाग नहीं लेगी। नाथ ने जेल में बंद नेताओं और कार्यकर्ताओं को सामान्य माफी देने की मांग की और कहा कि जल्द ही बांग्लादेश में एक बड़ा जनउभार हो सकता है। उन्होने कहा कि हमें विश्वास है कि भारत अपने पड़ोस में ऐसे अत्याचार को नहीं होने देगा।

हसीना का संदेश: ‘यूनुस सरकार को उखाड़ फेंको’

अवामी लीग कार्यकारी समिति के संयुक्त सचिव और पूर्व सांसद बहाउद्दीन नसीम ने बताया कि शेख हसीना निर्वासन में होने के बावजूद इंटरनेट कॉल्स और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए नेताओं से लगातार संपर्क में हैं। मौत की सजा सुनाए जाने के कुछ घंटे बाद भी उन्होंने नेतृत्व को संदेश भेजा।

नसीम के अनुसार, उनका संदेश बिल्कुल स्पष्ट था – यह फैसला असंवैधानिक है, और इस सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए। नसीम ने कहा कि यदि शेख हसीना चुनाव लड़ने का आह्वान करें, और यदि प्रतिबंध हटे तथा प्रमुख नेताओं को रिहा किया जाए, तो अवामी लीग उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।

लेकिन इसके लिए निष्पक्ष और समान अवसर वाला माहौल होना आवश्यक है। शेख हसीना के खिलाफ मौत की सज़ा ने न केवल राजनीतिक टकराव को गहरा कर दिया है, बल्कि दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिरता के लिए भी नए सवाल खड़े कर दिए हैं।