प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे G-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहान्सबर्ग पहुंचे। PM मोदी गौतेंग स्थित वाटरलूफ वायुसैनिक अड्डा पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
दक्षिण अफ्रीकी वायु सेना की ओर से उन्हें रेड कार्पेट पर सलामी भी दी गई। एयरपोर्ट पर दक्षिण अफ्रीका के ‘मिनिस्टर इन द प्रेसिडेंसी’ ने मोदी की अगवानी की। एक सांस्कृतिक दल ने उनके स्वागत में पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए। एक सांस्कृतिक दल ने पारंपरिक नृत्य और गीतों की प्रस्तुति देकर प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।
पीएम मोदी यहां पहली बार अफ्रीका महाद्वीप में आयोजित हो रहे G20 समिट में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। जोहान्सबर्ग पहुंचते ही PM मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से मुलाकात की है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। वहीं इस दौरान अल्बानीज ने दिल्ली में हुए हालिया ब्लास्ट और सऊदी अरब में हुए बस हादसे में भारतीयों की मौत पर संवेदना भी व्यक्त की।
एजेंडे में क्या-क्या?
PM मोदी ने अफ्रीका पहुंचने पर सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “G20 समिट से जुड़े कार्यक्रमों के लिए जोहान्सबर्ग पहुंचा हूं। वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा का इंतजार है।” गौरतलब है कि यह समिट इसलिए भी खास है क्योंकि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान 2023 में अफ्रीकन यूनियन को G20 का सदस्य बनाया गया था और अब पहली बार अफ्रीका में यह सम्मेलन हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक का लक्ष्य वैश्विक सहयोग को मजबूत करने, विकास से जुड़ी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने पर रहेगा।
भारतीय समुदाय से मुलाकात
PM रवानगी से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि वे समिट में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ की सोच के साथ भारत का पक्ष रखेंगे। वह जोहान्सबर्ग में हो रही भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की त्रिपक्षीय IBSA समिट में भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा वह दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे, जो भारत के बाहर सबसे बड़े प्रवासी समुदायों में से एक है। समिट में मौजूद कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं भी प्रस्तावित हैं।
भारत की अहम भूमिका
G-20 समिट के दौरान PM मोदी तीनों सत्रों में नेताओं को संबोधित करेंगे। इन सत्रों में समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास, कर्ज संकट, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, प्राकृतिक आपदा जोखिम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सम्मानजनक रोजगार और महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच जैसे विषयों पर चर्चा होगी। गौरतलब है कि जोहान्सबर्ग में होने वाला यह सम्मेलन कई वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए अहम माना जा रहा है और इस मंच पर भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी।



