प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार (05 दिसंबर) को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में अहम मुलाकात हुई। इस दौरान यूक्रेन युद्ध, वैश्विक हालात, व्यापार, डिफेंस और भारत-रूस के रिश्तों को लेकर खुलकर बातचीत हुई।
पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि भारत इस युद्ध को लेकर न्यूट्रल नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में मजबूती से खड़ा है। वहीं पुतिन ने भी साफ किया कि रूस भी शांति चाहता है और इस दिशा में भारत की भूमिका को वह अहम मानते हैं।
मोदी का बड़ा बयान – भारत तटस्थ नहीं, शांति के साथ है
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया ने कोविड-19 के बाद से अब तक कई बड़े संकट देखे हैं, लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि इन चुनौतियों से दुनिया जल्द बाहर निकलेगी। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के आर्थिक संबंधों को और मजबूत किया जाना चाहिए और दोनों देशों को मिलकर नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का लक्ष्य रखना चाहिए। मोदी ने यह भी कहा कि आज कई अहम वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होगी, जिनका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
पुतिन का जवाब – भारत-रूस की दोस्ती सिर्फ नाम की नहीं
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन संकट पर शांति के प्रयासों के लिए पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते बहुत पुराने और बेहद मजबूत हैं। यह दोस्ती सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि भरोसे और साझेदारी की नींव पर टिकी है। पुतिन ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के सच्चे और भरोसेमंद साथी हैं।
25 साल की साझेदारी का जिक्र
भारत-रूस संबंधों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुतिन के सत्ता संभालने और पहली बार भारत आने के बाद अब 25 साल पूरे हो चुके हैं। उसी समय दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि उनके और पुतिन के व्यक्तिगत संबंधों को भी 25 साल हो चुके हैं और यह दिखाता है कि एक दूरदर्शी नेतृत्व रिश्तों को कितनी ऊंचाई तक ले जा सकता है।
ट्रेड और डिफेंस पर बड़ी बातचीत के संकेत
दोनों नेताओं की इस मुलाकात के बाद 23वीं भारत-रूस समिट में शामिल होने की तैयारी है। माना जा रहा है कि इस दौरान भारत और रूस के बीच 25 से ज्यादा अहम समझौतों पर मुहर लग सकती है। इन समझौतों में व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और तकनीक से जुड़े कई बड़े फैसले शामिल हो सकते हैं।
शानदार स्वागत से हुआ दौरे की शुरुआत
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की शुरुआत भी बेहद खास रही। राष्ट्रपति भवन में उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।



