छत्तीसगढ़ सरकार मॉब लिंचिंग यानी भीड़ जनित हिंसा पीड़ितों को मुआवजा देगी. इसके लिए सरकार ने 2011 में बने पीड़ित क्षतिपूर्ति कानून में संशोधन किया है. इस तरह की घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को सरकार तीन लाख रुपये की सहायता देगी. इसको लेकर सरकार ने अधिकारियों को भी आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं.
गृह विभाग के अफसरों के पीड़ितों को अधिकतम तीन लाख से 25 हजार स्र्पये तक मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है. मानसिक पीड़ा, शैक्षणिक अवसर और जीविकोपार्जन की क्षति पर भी मुआवजा मिलेगा. नियमानुसार घटना के 30 दिन के भीतर पीड़ित को 25 फीसद अंतरिम राहत राशि दी जाएगी.
50 फीसद अधिक मुआवजा
मॉब लिंचिंग पीड़ित के अवयस्क (नाबालिग) होने की स्थिति में 50 फीसद अतिरिक्त राहत राशि दी जाएगी. अफसरों ने बताया कि पीड़ित के 80 फीसद दिव्यांग होने की स्थिति दो लाख स्र्पये का मुआवजा दिया जाएगा। यदि वह अव्यस्क है तो यह राशि तीन लाख स्र्पये हो जाएगी. भीड़ जनित हिंसा पीड़ितों के इलाज की भी व्यवस्था सरकार करेगी. पीड़ित को निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. शुल्क लेने की आवश्यकता भी पड़ी तो केवल वास्तविक मूल्य ही लिया जाएगा.
सीएम और पूर्व सीएम में जुबानी जंग
बीते 22 जून को धरने के दौरान पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के लगाए गए नारे “चारों ओर अंधेरा है पहरेदार लुटेरा है” पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया है. रमन के नारे के जवाब में उन्होंने पूर्व सीएम को “चौकीदार ही लुटेरा है” कहा. सीएम बघेल ने कहा कल बिजली को लेकर बहुत हल्ला हुआ, सारे घोटाले रमन सिंह के समय हुए हैं. एक हवा का झोंका आता है और बिजली चली जाती है, व्यवस्था तो रमन सिंह के समय की ही है.
ट्रांसफार्मर घोटाले से लेकर सारे घोटाले मड़वा में जो हुआ सब रमन सिंह के समय के हैं. इन सबके जिम्मेदार रमन सिंह जी है. भाजपा की केंद्र सरकार ने सर्टिफाइड किया है कि यहां 97 % बिजली दी जा रही है, भाजपा के लोग ही अफवाह उड़ाते हैं तो मैं कहता हूं चारों ओर अंधेरा है और चौकीदार ही लुटेरा है. यहां 15 साल तक रमन सिंह जी ने चौकीदारी की है और लूटा भी उन्होंने ही है. इस खबर को दैनिक भास्कर, नईदुनिया, पत्रिका सहित अन्य मुख्य अखबरों ने प्रकाशित किया है.
13वें मंत्री पर मंथन
छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री और नए पीसीसी चीफ को लेकर दिल्ली में सोमवार को मंथन होगा. इसके लिए सीएम भूपेश बघेल खुद दोपहर दिल्ली जा रहे हैं. उन्हें राहुल गांधी ने बुलवाया है. संकेत हैं कि मानसून सत्र से पहले कैबिनेट विस्तार कर दिया जाएगा. माना जा रहा है कि बदले समीकरण के बाद सरगुजा संभाग के अमरजीत सिंह सरकार के 13वें मंत्री हो सकते हैं जबकि बस्तर के विधायक मनोज मंडावी या मोहन मरकाम में से किसी एक को पीसीसी चीफ की कमान सौंपी जा सकती है. मनोज मंडावी अभी दिल्ली में हैं. जबकि मोहन मरकाम के हाल ही में दिल्ली से लौटने की जानकारी है. इनके साथ फूलो देवी नेताम और विधायक शिशुपाल सोरी के नाम सीएम के पसंद के रूप सामने आया है.