मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार मनाने के बहाने अरपा को जीवंत करने, महिलाओं को सशक्त बनाने, गांवों में चारा उगाने और छत्तीसगढ़ी त्योहारों, खान-पान और बोल-चाल को खत्म होना बताते हुए इसके संरक्षण व बच्चों के कुपोषण को दूर करने पर जोर दिया।
नेवरा में उनके भाषण की पांच प्रमुख बातें
- राज्य के 33 हजार नालों को पुनर्जीवित करेंगे। अरपा नदी के सूखने के कारण यहां के लोग आंदोलित हैं। नदी से जुड़ने वाले सभी नालों को साफ कर पुनर्जीवित करेंगे तो अरपा में अपने आप पानी आने लगेगा।
- मरवाही की महिलाएं लाख की चूड़ियां बना रही है। बहनें यूनिफॉर्म की सिलाई कर रही हैं। जूट के बैग बना रही है। आप खरीदेंगे तो उन्हें आमदनी हो। इससे गांव से लेकर शहरों तक अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
- गौठानों का संचालन ग्रामीण करेंगे। चारे की कमी है इसलिए हर गांव में पांच से दस एकड़ जमीन चारे के लिए आरक्षित करेंगे। चारे से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और किसान समृद्ध होंगे।
- छत्तीसगढ़ की पहचान तीज त्यौहार, खान-पान व बोल-चाल है, जो खत्म हो रहा था। पुराने गौरव को वापस पहचान दिलाने तीजा, करमा व विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी की घोषणा की है।
- राज्य में 40 फीसदी बच्चे कुपोषित है। यह देश में सबसे ज्यादा है। सब को मिलकर कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ना है। गांव-गांव में दूध की नदियां बहाने की जरूरत है। कुपोषण हारेगा