Home जानिए यहां हर साल पैदा किए जाते हैं 30 लाख जहरीले सांप!

यहां हर साल पैदा किए जाते हैं 30 लाख जहरीले सांप!

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चीन में एक अजीब किस्म की खेती चल रही है जिसके बारे में आपको शायद मालूम भी नहीं होगा. यहां सांपों की खेती की जा रही है. ये कोई मामूली सांप नहीं बल्कि बड़े विषैले सांप हैं, जिनके काटने पर आदमी पानी तक न मांगे.

दरअसल, चीन के खेतों में बड़ी तादात में सांप पालन किया जाता है. यहां लोग जहरीले सांपों की खेती करते हैं और वो भी लाखों की संख्या में. चीन का एक गांव जिसका नाम जिसिकियाओ है, वहां हर साल 30 लाख जहरीले सांप पैदा किए जा रहे हैं. इसलिए ये मुद्दा चर्चा में आ गया है. चीन के जिसिकियाओ गांव में बाकायदा स्नैक फार्मिंग की जाती है. इस गांव की कुल आबादी 1 हजार के आसपास है.

जानकारी के मुताबिक , गांव का औसतन हर शख्स पूरे साल में लगभग 30 हजार सांप पैदा करता है. यहां पाले जाने वाले सांपों में विशाल अजगर, खतरनाक कोबरा और जहरीले वाइपर सहित कई जानलेवा सांप शामिल हैं.

यहां सांप की खेती उनके मांस और शरीर के अन्य अंगों के लिए की जाती है. सांप का मीट चीन में शौक से खाया जाता है. साथ ही सांपों के शरीर के अंगों का उपयोग दवाओं के निर्माण में भी होता है.

जिसिकियाओ गांव पूरे विश्व में स्नेक फार्मिंग के कारण जाना जाता है. यहां स्नेक फार्मिंग की शुरुआत गांव के ही एक किसान यांग होंगचैंग ने की थी. यह किसान जब युवा था तो एकबार गंभीर रूप से बीमार पड़ गया. इलाज के लिए उसे सांप की जरूरत थी, इसके लिए उसने एक जंगली सांप को पकड़ा. बस तभी उन्हें सांप से जुड़े कारोबार का ख्याल आया. फिर इस शख्स ने सांप पालना शुरू किया. जब गांव वालों ने देखा कि इस काम से होंगचैंग की आमदनी बढ़ रही है तो गांव के दूसरे किसानों ने भी यही तरीका अपनाया. आज गांव में सौ स्नेक फॉर्म्स हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक , यहां लकड़ी और शीशे के छोटे-छोटे बक्सों में सांप पाले जाते हैं. जब सांप के बच्चे अंडों से निकल कर बड़े हो जाते हैं तो उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए प्लास्टिक के थैलों का प्रयोग किया जाता है.

आखिर में सांप जब बड़े-बड़े हो जाते हैं तो फार्म हाउस से उन्हें बूचड़ खाने ले जाया जाता है, जहां सबसे पहले इनके जहर को निकाला जाता है और फिर इनका सर काट दिया जाता है. इसके बाद सांपों को काटकर उसका मीट निकालकर अलग रख लिया जाता है. चमड़े को अलग सुखाया जाता है. सांप के मीट से दवा बनाई जाती है जबकि चमड़ों से बैग बनाये जाते हैं.