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शिवसेना के बदले सुर, सामना में कहा- चुनाव नतीजे अहंकारी शासकों के लिए एक सबक…

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महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में भाजपा को नसीहत दी है कि यह महाजनादेश नहीं केवल जनादेश है।

मुंबई, एजेंसी। Maharashtra assembly election results 2019 महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना के सुर बदल गए हैं। शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में भाजपा (Bharatiya Janata Party, BJP) को नसीहत दी है कि वह अपने पैर जमीन पर ही रखे। यह ‘महाजनादेश’ नहीं केवल जनादेश है। महाराष्ट्र की जनता के रुझान सीधा और साफ है कि भाजपा को अति उत्‍साह में नहीं आना चाहिए।

शिवसेना ने शुक्रवार को सामना के संपादकीय में लिखा कि इस बात का विश्‍लेषण करने में कुछ वक्‍त लगेगा कि शिवसेना-भाजपा ने 2014 की तुलना में कम सीटें क्यों जीतीं। लेकिन महाराष्‍ट्र की जनता के फैसले से साफ है कि यह महज जनादेश है, ‘महाजनादेश’ या क्‍लीन स्‍वीप नहीं है। राज्‍य के लोगों ने दूसरी पार्टियों को तोड़े जाने को अस्‍वीकार कर दिया है। जनता ने हमें साफ संदेश दिया है कि हमारे पैर हमेशा जमीन पर होने चाहिए।

चुनाव से पहले, राकांपा के नेता भाजपा में शामिल हो गए लेकिन चुनावों में जनता ने इस समझा। यही कारण है कि एनसीपी ने इन चुनावों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में बिना किसी नेता वाली कांग्रेस को भी 37 सीटें मिल गई हैं। चुनाव नतीजे शिवसेना और भाजपा के पक्ष में हैं। फ‍िर भी सरकार के लिए सबक हैं जो सोचती है कि वह जो कर रही है वही कानून है।

बता दें कि महाराष्‍ट्र चुनाव के नतीजे अहंकारी शासकों के लिए एक सबक हैं। भाजपा को साल 2014 में 122 सीटें मिली थीं जबकि इस चुनाव में उसे 105 सीटें मिली हैं। शिवसेना ने इस पर कहा है कि 25 सीटें दूसरी छोटी पार्टियों के खातों में चली गईं। यह दिखाता है कि यदि सत्‍ता अहंकारी सत्‍ता को लेकर लोग जागरूक हो गए हैं। इस चुनाव में लोगों ने भाजपा की उस मानसिकता को खारिज कर दिया है कि चुनाव इंजीनियर‍िंग से जीते जा सकते हैं।