चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना (Indian Army) अपनी उत्तरी सीमा पर 10 हजार और सैनिकों की तैनाती करेगी. इस सीमा पर तैनात माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स (Mountain Strike Corps) सेना के आक्रामक ऑपरेशन्स का प्रतिनिधित्व करती है. इस विंग को और मजबूत किया जाएगा. 10 हजार जवानों की नई डिविजन बनाने की जिम्मेदारी 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को दी गई है जिसका हेडक्वार्टर बंगाल के पनगढ़ में है.
माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की शुरुआत केंद्र सरकार की तरफ से करीब एक दशक पहले की गई थी लेकिन अब तक इसमें सिर्फ एक ही डिविजन है. लेकिन अब इसकी मैनपावर और हथियार क्षमता को भी बढ़ाए जाने की तैयारी है. इससे किसी भी विषम परिस्थिति में ऑपरेशन्स के लिए माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स और भी ज्यादा मजबूत हो सकेगी.
भारत ने अब तक उठाए कई कदम
बीते साल अप्रैल-मई में चीन के साथ शुरू हुए सीमा विवाद के बाद से भारत ने इस इलाके में सेना को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने इमरजेंसी फंड जारी कर हथियारों की तेज आवक को बढ़ावा दिया है. कई महीने तक दोनों देशों के बीच चली तनातनी के बाद कुछ समय पहले पैंगोंग लेक इलाके से सेनाएं पीछे तो हटीं लेकिन अब भी दोनों तरफ से सैनिक चौकन्ने हैं.
चीन को दिया जा चुका है स्पष्ट संदेश
चीन के पुराने इतिहास को देखते हुए भारत किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की तरफ से साफ किया जा चुका है कि सीमाओं पर अशांति के साथ दोनों देशों के संबंध किसी भी रूप में सामान्य नहीं रह सकते हैं. इस बार भारत द्वारा अपनाए आक्रामक रुख की वजह से चीन को भी झुकने पर मजबूर होना पड़ा है. अगस्त-सितंबर महीने में विवाद लंबा खिंचता देख भारत ने सर्दियों की तैयारी शुरू कर दी थी. भारत साफ कर चुका है कि LAC पर चीन की किसी भी तरह मनमर्जी नहीं चलने दी जाएगी.