संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) में आज कई अहम बिल पेश किए जाएंगे. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार सोमवार को लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करेंगे. इस विधेयक का मकसद है पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति को बहाल करना. इसके तहत 102 वें संवैधानिक संशोधन विधेयक में कुछ प्रावधानों को स्पष्ट किया जाएगा. इस संसोधन की मांग कई क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के ओबीसी नेताओं ने की है. वहीं विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि वह इस संशोधन विधायक का समर्थन करेंगी.
नया विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया जा रहा है. दरअसल कोर्ट ने कहा था कि संविधान में 2018 के संशोधन के बाद सिर्फ केंद्र ही सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) को अधिसूचित कर सकता है. कोर्ट ने कहा था कि ये अधिकार राज्यों के पास नहीं है.
नए विधेयक से क्या होगा असर?
संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन पर मुहर लगने के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरतों के अनुसार जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार होगा. इसके बाद हरियाणा में जाट समुदाय, महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का मौका मिल सकता है. ये तमाम जातियां लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही हैं, सुप्रीम कोर्ट इन मांगों और राज्य सरकारों के फैसले पर रोक लगाता रहा है.
और कौन से अहम बिल होंगे पारित?
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 और राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 को निचले सदन में पेश करेंगे. इस विधेयक का उद्देश्य है होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 को निरस्त करना. जबकि राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग का मकसद है भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1970 को निरस्त करना. दोनों विधेयकों को 2019 में संसद में पेश किया गया था और स्थायी समिति को भेजा गया था. समिति ने नवंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021 और जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 को लोकसभा में पारित करने के लिए पेश करेंगी. 28 जुलाई, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अपनी मंजूरी दिए जाने के बाद इस सत्र में सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021 को राज्यसभा में पेश किया गया था. संशोधन विधेयक कानून का पालन करने वाले कॉरपोरेट्स के लिए जीवन को आसान बनाने और कुछ प्रावधानों को कम करने की सुविधा प्रदान करता है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा लोकसभा में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करेंगे. राज्यसभा में गुरुवार को मिश्मी-कमान (मिजू मिश्मी), इडु (मिश्मी), तारां (दिगारू मिश्मी) और मोनपा, मेम्बा, सरतांग और सजोलंग (मिजी) को मिश्मी, इदु के बदले सूची में शामिल करने की अनुमति देने वाला विधेयक पारित किया. विधेयक ने अरुणाचल प्रदेश द्वारा अनुशंसित अनुसूचित जनजातियों की संवैधानिक सूची में संशोधन करने की मांग की.