यहां से 300 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी में समुद्र के भीतर मंगलवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप आया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने बताया कि अपराह्न 12 बजकर 35 मिनट पर भूकंप आया.
इसका केंद्र आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से 296 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी में 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था. भूकंप का केंद्र चेन्नई से 320 किलोमीटर पूर्व-उत्तर पूर्व में था. निवासियों ने बताया कि भूकंप के कारण हुए जानमाल के किसी नुकसान की खबर नहीं है लेकिन शहर के कुछ हिस्सों में झटके महसूस किये गए. अड्यार और तिरुवन्मियूर जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों ने कहा कि उन्होंने झटके मसहूस किये. कुछ लोगों ने ट्विटर पर कहा कि उनके घर के फर्नीचर भी हिल रहे थे.
आखिर क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से जाना जाता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है. इसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे भूकंप कहते हैं. ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है.
ऐसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के अंकों के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है.