ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) की विपक्षी सांसदों ने जमकर आलोचना की है. सभी अफगानिस्तान (Afghanistan) के निकासी अभियान को लेकर सरकार से काफी नाराज दिखाई दिए. लेबर पार्टी के सांसद क्रिस ब्रायंट (Chris Bryant) ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र से 143 अफगान जुड़े हैं, जो ब्रिटेन में पुनर्वास के योग्य हैं लेकिन अब भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. ब्रायंट ने बोरिस को अफगान निकासी से निपटने के लिए एक व्यक्ति को नियुक्त करने के लिए भी कहा. इसके साथ ही उन्होंने अभी तक सामने आई परेशानियों के बारे में बताया.
ब्रायंट ने कहा, ‘मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े 143 अफगानों के नाम विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को भेजे थे. क्योंकि ये तीन अलग-अलग चैनल हैं. क्या मैं पीएम को उस विचार के बारे में बता सकता हूं, जिसका सुझाव मेरे साथ बैठे मेरे सहकर्मी दे रहे हैं? कि इन सब मामलों से निपटने के लिए कोई एक व्यक्ति होना चाहिए. क्योंकि जब से मैंने वो नाम भेजे हैं, उसके बाद से इनमें से एक को गोली मार दी गई है, एक का रेप हुआ है और एक को यातनाएं दी गई हैं.’
सांसद ने आगे कहा, ‘इन लोगों के लिए काफी कोशिश की जा रही है. मैं जानता हूं कि मंत्री मदद करना चाहते हैं लेकिन इस समय ऐसा लग रहा है, जैसे बायां हाथ नहीं जानता कि दाहिना हाथ क्या कर रहा है.’ इससे पहले बोरिस जॉनसन ने कहा था कि ब्रिटेन में पुनर्वास के योग्य 300 से अधिक लोग अफगानिस्तान में ही रह गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि ब्रिटेन सरकार इन लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव कोशिश करेगी. इसके साथ ही उन्होंने ब्रिटिश सैनिकों की भी निकासी अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सराहना की है.
इसके अलावा महंगाई और जरूरी चीजों की कम सप्लाई के लिए भी जॉनसन की आलोचना हुई है. एक अन्य सांसद ने कहा कि लंदन (London) समेत देश के कई इलाकों के दुकानों और सुपर स्टोरों (Grocery Shops) में जरूरी चीजों की कमी होती जा रही है. इसमें दूध और पानी जैसी चीजें भी शामिल हैं.
कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित हुई आपूर्ति श्रृंखला के साथ-साथ यूरोपीय संघ (EU) से ब्रिटेन के अलग होने (ब्रेक्जिट) को इसकी वजह माना जा रहा है. यहां के खाली पड़े सुपरमार्केट में कमियों को पूरा करने की जुगत में लगे रेस्तरां और खाद्य उत्पाद निर्माताओं ने जेलों में बंद कैदियों को काम के लिए भर्ती करने की मंशा जाहिर की है. (एजेंसी इनपुट)