उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसी क्रम में आर्थिक अपराध करने वाले भगोड़े अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए गए हैं. इसी क्रम में 2017 से अब तक रिकॉर्ड 244 अभियुक्तों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त की गई. यही नहीं कुल-434 अभियुक्तों (लोकसेवक- 175 गैर सरकारी-259) के विरुद्व कठोर वैधानिक कार्यवाही करते हुये 75 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई.
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में आर्थिक अपराध शाखा द्वारा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुई कार्यवाही की गहन समीक्षा की गई. आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन का कार्य देख रहे पुलिस महानिदेशक आरके विश्वकर्मा ने बताया कि इस संगठन की कार्यणाली को और अधिक चुस्त दुरूस्त व प्रभावी बनाने के प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आये है. वर्ष 2017 से 31 अगस्त, 2021 तक आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 669 विवेचनाओं का निस्तारण किया गया.
ईओडब्लू के इतिहास में पहली बार वर्ष 2018 में जांच/विवेचनाओं के निस्तारण की संख्या 100 से ऊपर पहुंची. वर्ष 2019 में 239 जांच/विवेचनाओं का निस्तारण किया गया, जो ईओडब्लू. के इतिहास में एक वर्ष में सर्वाधिक निस्तारित प्रकरणों की संख्या है.
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में रिकॉर्ड 244 अभियुक्तों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त की गई. 16 अभियुक्तों के विरूद्ध लुकऑउट नोटिस जारी किये गये, जिनमें 3 को विभिन्न एयरपोर्ट पर रोक कर उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई. इसी क्रम में बहुचर्चित बाइक बोट घोटाला में एक अभियुक्त के खिलाफ ईओडब्लू द्वारा सीबीआई से समन्वय स्थापित कर रेड कार्नर नोटिस जारी कराया गया, जो इस संगठन के इतिहास में पहली बार हुआ है.
उन्होंने बताया कि मेसर्स बुश फूड्स प्रा.लि. प्रकरण के निदेशकों द्वारा कूट रचित तरीके से 1.76 करोड़ की धान खरीद से सम्बंधित मुकदमे में दो अभियुक्तों के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम (UK) से प्रत्यर्पण की कार्यवाही करायी गयी. अभियुक्तों को लंदन में गिरफ्तार कराया गया. उन्हें भारत वापस लाने के लिए यूके के न्यायालय में मामला चल रहा है.
यही नहीं आर्थिक अपराध से जुड़े भ्रष्टाचार के संगीन मामलों एवं गंभीर प्रशासकीय व वित्तीय अनियमितताओं संबंधी 34 जांच/विवेचना पूर्ण करके दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्व वैधानिक कार्यवाही शुरू की गई. विभिन्न शासकीय विभागों/सरकारी संस्थाओं/निजी संस्था के कुल-434 अभियुक्तों (लोकसेवक- 175 गैर सरकारी-259) के विरुद्व कठोर वैधानिक कार्यवाही करते हुये 75 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई. 175 अधिकारियों/कर्मचारियों को विभिन्न जांच/विवेचना में भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया.