ईरान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के मुद्दे पर अपने अलावा छह देशों की एक अहम बैठक बुलाई है। हालांकि, इस बैठक में तालिबान (Taliban) को न्योता नहीं दिया गया है. 27 अक्टूबर को होने जा रही इस बैठक को ईरान ने क्षेत्रीय बैठक करार दिया है. इसमें पाकिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और रूस के विदेश मंत्री और राजनीतिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
टोलो न्यूज के हवाले से बताया गया है कि इसमें इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को नहीं बुलाया गया है. इस मुद्दे पर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि वो जानते हैं कि ईरान ने इस तरह की बैठक बुलाई है. इस बैठक में पड़ोसी देशों को बुलाया गया है और हमें इसका न्योता नहीं दिया गया. अफगानिस्तान पर बुलाई गई मंत्रीस्तरीय ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है.
इन मुद्दों पर होनी है चर्चा
इस बैठक में कुछ खास मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसमें अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता और युद्ध पीड़ित देश में समावेशी सरकार के गठन शामिल है. इस संबंध में काबुल स्थित ईरान के दूतावास ने एक बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार का गठन, देश की शांति, सुरक्षा और स्थिरता, आर्थिक चुनौतियां और अफगानिस्तान की जमीन को आतंकियों के लिए जन्नत न बनने पर विचार किया जाएगा.
हिज्ब ए इस्लाम पार्टी के नेता हफीर्जुरहमान का कहना है कि ईरान में होने वाली ये बैठक अफगानिस्तान के हालातों के लिए सकारात्मक रहेगी या नकारात्मक इसका पता तो भविष्य में चलेगा. लेकिन, ये बात तय है कि इससे उम्मीद की एक नई किरण निकलने की उम्मीद है. काबुल के पतन के बाद ये दूसरी रीजनल बैठक है.
इस बीच तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुताकी ने ईरान के राजदूत बहादुर अमीनियन से मुलाकात की है. दोनों तरफ से इस दौरान कई विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना भी शामिल था. इसके अलावा विस्थापितों की समस्या पर भी इस दौरान चर्चा हुई.