चीन से तनाव के बीच अमेरिका (US-China Relation) ने एक बड़ा कदम उठाया है. प्रतिनिधि सभा ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र (China’s Xinjiang) में उइगर मुस्लिम (Uyghur Forced Labor Prevention Act) से जबरन काम करवाने वाले नियमों को रोकने के लिए कानून पारित किया है. अमेरिका का कहना है कि चीन इस क्षेत्र में रहने वाले उइगर और अन्य मुस्लिम संगठनों को निशाना बना रहा है. जिसके बाद चीन के खिलाफ ये बड़ा कदम उठाया गया है. उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम को 1930 टैरिफ एक्ट के तहत पास किया गया है.
सदन में इस मसले पर 428-1 के भारी बहुमत से ‘उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम’ का खुलकर समर्थन किया गया. अब इस विधेयक को सीनेट के पास भेजा जाएगा. वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) की मुहर लग जाएगी. इस विधेयक के पास होने से शिनजियांग से मैन्युफैक्चर हुए सामान पर रोक लगाई जा सकती है. इसी तरह का एक उपाय सीनेट में पहले ही पारित हो चुका है.
वोटिंग से पहले हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कहा, ‘चीन की तानाशाही उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ सामूहिक उत्पीड़न, यातना और जबरन काम करवाकर दमन कर रहा है.’ इन विधेयकों के पास होने से इस दमन को रोका जाएगा.
चीन ने जाहिर की आपत्ति
उधर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने नरसंहार और जबरन श्रम के अमेरिकी आरोपों को ‘शातिर बदनामी’ करार दिया. वांग ने कहा कि अमेरिका ‘आर्थिक बदमाशी’ की साजिश रच रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी सरकार ने उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए डिटेंशन कैंप बनाए हुए हैं.
अल्पसंख्यकों से जबरन मजदूरी कराता है चीन
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन शिंजियांग के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करते हुए उनसे जबरन मजदूरी कराता है. फिर जो भी सामान तैयार होता है. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन नेताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस उपाय से सदन में मजबूत समर्थन मिलेगा, यह देखते हुए कि सदन ने पिछले साल लगभग सर्वसम्मति से इसी तरह के उपाय को मंजूरी दी थी.
वैश्विक सप्लाई चेन में बड़ी हिस्सेदारी
मानव अधिकार समूह, शोधकर्ता, पूर्व निवासी और पश्चिमी राजनेता और अन्य अधिकारियों का कहना है कि शिंजियांग में 2016 के बाद से उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को हिरासत में रखते हुए इनसे जबरन मजदूरी कराई जा रही है. शिंजियांग के उत्पादों की वैश्विक सप्लाई चेन में बड़ी हिस्सेदारी है (Xinjiang Forced Labour Report). अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने हाल के हफ्तों में चीन के खिलाफ प्रतिबंधों में काफी इजाफा किया है. चीन की कई कंपनियों को ब्लैकलिस्ट भी किया गया है. इन कंपनियों पर नरसंहार में शामिल होने और चीन की सेना के साथ संबंध होने का आरोप है.