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साइबर ठग ने इंजीनियर को लगाया 1.26 लाख का चूना:ATM कार्ड अपडेट करने के लिए भेजा लिंक, क्लिक करते ही खाते से रकम गायब

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नगर निगम के इंजीनियर साइबर ठग का शिकार हो गए, उनके अकाउंट से एक लाख 26 हजार रुपए पार कर दिया गया। दरअसल, इंजीनियर के मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें एटीएम कार्ड अपडेट करने के लिए कहा गया। बिना जाने समझे उन्होंने लिंक को क्लिक किया और उसमें मांगी गई सभी जानकारी शेयर कर दी। इसके तत्काल बाद उनके अकाउंट से पैसे पार हो गया। जालसाजों के झांसे में आए इंजीनियर ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।जानकारी के अनुसार सिटी कोतवाली क्षेत्र के टिकरापारा निवासी सुब्रत कर नगर निगम में इंजीनियर हैं। करीब एक सप्ताह पहले वे विकास भवन स्थित अपने ऑफिस में बैठे थे। इस दौरान उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से मैसेज आया, जिसमें उनके एटीएम कार्ड अपडेट नहीं होने की बातें लिखी थीं। मैसेज में एटीएम कार्ड अपडेट करने के लिए एक लिंक भी दिया गया था। इंजीनियर ने बिना जाने समझे लिंक को क्लिक किया और अपने बैंक की गोपनीय जानकारी उसमें दे दी।

साइबर ठग के जाल में फंस गए इंजीनियर।

OTP भी कर दिया शेयर
इतना सब कुछ करने के बाद उनके मोबाइल पर OTP कोड आया। इंजीनियर ने लिंक में OTP कोड भी डाल दिया। कोड डालते ही उनके बैंक अकाउंट से एक लाख एक हजार 178 रुपए कट गए। फिर उन्हें प्रक्रिया पूरी नहीं होने की जानकारी देते हुए दूसरा लिंक भेजा गया। इसमें भी उनसे OTP मांगी गई और दूसरी बार भी उन्होंने मोबाइल पर आए OTP नंबर शेयर कर दिया। इस बार भी उनके बैंक अकाउंट से 4 हजार 999 रुपए कट गए।

सिविल लाइन पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

दो बार पैसे कटे, तब हुआ ठगी का अहसास और लॉक कराया अकाउंट
दूसरी बार अकाउंट से पैसे कटने पर उनके मोबाइल पर बैंक से मैसेज आया, तब घबराकर उन्होंने बैंक जाकर जानकारी ली। इसके बाद उन्हें ठगी का पता चला। उन्होंने बैंक प्रबंधन से अपने अकाउंट को लॉक करने कहा। बैंक की ओर से उनके अकाउंट को लॉक किया गया और पुलिस से शिकायत करने कहा। इसके बाद वे थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पढ़े-लिखे लोग हो रहे शिकार
पुलिस की साइबर टीम के साथ ही बैंक प्रबंधन की ओर से उपभोक्ताओं को अनजान लिंक में क्लिक करने से बचने और बैंक संबंधी जानकारी नहीं देने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके बाद भी पढ़े लिखे वर्ग के लोग इस तरह से साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं।