प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में पहली बार 26 मई को पहली बार केंद्र की सत्ता संभाली थी. उसके बाद 2019 में उन्हें दूसरा कार्यकाल भी मिला और इस तरह उनके नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को 9 साल सत्ता में हो चुके हैं.
इन 9 सालों में उनकी सरकार ने कई अहम आर्थिक नीतियां पेश की जिसने करोड़ों लोगों का जीवन बदल डाला.
मोदी सरकार की तमाम आर्थिक नीतियों में ये 9 बेहद खास हैं, क्योंकि इनका असर देश के लगभग हर तबके पर पड़ा. क्या किसान और क्या मिडिल क्लास, क्या ही युवा और क्या महिला इन 9 नीतियों ने इन सबकी जिंदगी को बदल कर रख दिया.
मोदी सरकार के 9 ट्रंप कार्ड
इन आर्थिक नीतियों को आप मोदी सरकार के 9 ट्रंप कार्ड के तौर पर भी देख सकते हैं. इससे लोगों का जीवन पूरी तरह बदला है.
- पीएम किसान योजना: मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले इस योजना को पेश किया था. इस योजना के तहत देश के 11 करोड़ से अधिक किसानों को हर साल 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है. इससे उन्हें अपनी खेती से जुड़ी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है.
- पीएम गरीब कल्याण योजना: कोविड के काल में देश के 80 करोड़ गरीबों की मदद के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू किया था. इस योजना की बदौलत ही कोविड जैसे भीषण समय में लोगों को भुखमरी का दंश नहीं झेलना पड़ा. सरकार की इस नीति की वजह से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न मिल सका.
- जीएसटी: मोदी सरकार के कार्यकाल में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) देश के टैक्स सिस्टम को हमेशा के लिए बदल देने वाला कदम रहा. इस टैक्स सिस्टम ने देश के अंदर लगने वाले तमाम अप्रत्यक्ष कर को एकीकृत कर दिया. इसकी वजह से करोड़ों लोगों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार करना आसान बना.
- पीएम जन-धन योजना: ये मोदी सरकार की सबसे शुरुआती योजनाओं में से एक है. इस योजना को 28 अगस्त 2014 को लॉन्च किया. इस योजना ने देश में बिलकुल हाशिए पर रह रहे लोगों तक बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच का विस्तार किया. न्यूनतम कंप्लायंस के साथ लोगों के बैंक खाते खोले गए. इन्हीं खातों की वजह से सरकारी सब्सिडी सीधे लोगों के पास पहुंचने लगी. आज इसका फायदा 43 करोड़ से ज्यादा लोग उठा रहे हैं.
- पीएम मुद्रा योजना: देश में छोटे उद्यमों की पूंजी जरूरतों को पूरा करने, युवाओं के बीच उद्यमिता को बल देने और सस्ते कर्ज तक पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की थी. देश में अब तक 40.82 करोड़ मुद्रा लोन दिए जा चुके हैं. इसमें भी सबसे बड़ी बात मुद्रा लोन लेने वालों में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं हैं. जबकि 51 प्रतिशत लोग एससी, एसटी या ओबीसी कैटेगरी से हैं.
- पीएम स्वनिधि योजना: कोविड की परेशानियों ने दिहाड़ी पर काम करने वालों को ज्यादा मुश्किल में डाला. इसी दौरान मोदी सरकार ने एक खास योजना ‘स्ट्रीट वेंडर्स’ के लिए शुरू की. इसे ‘पीएम स्वनिधि’ नाम दिया गया. इसके तहत सड़क पर रेहड़ी-पटरी लगाकर काम करने वालों को सरकार की ओर से वर्किंग कैपिटल लोन दिया जाता है.
- पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना: आजादी के 70 साल बाद भी देश के हर आदमी तक जीवन बीमा की सुरक्षा का कवर नहीं था. मोदी सरकार ने इस समस्या को पहचाना और शुरू की ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’. इसके तहत लोगों को 330 रुपये वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये तक जीवन बीमा कवर मिलता है. इसी तरह एक्सीडेंटल इंश्योरेंस स्कीम ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ भी सरकार ने शुरू की, जो 12 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर देती है. यानी सालभर के 350 रुपये से कम में 4 लाख रुपये का बीमा.
- अटल पेंशन योजना: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर शुरू हुई इस आर्थिक योजना का फायदा देश के 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु वाले सभी नागरिक उठा सकते हैं. इस योजना के तहत लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की गारंटीड पेंशन मिलती है.
- उज्ज्वला योजना : ये मोदी सरकार की वो नीति है जिसने देश की आधी आबादी की एक बड़ी समस्या को दूर किया है. देश की 8 करोड़ से ज्यादा गरीब महिलाओं को इस योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन मिले हैं. इससे गांव मेंर रहने वाली उस बड़ी आबादी का कष्ट दूर हुआ जो खाना पकाने के लिए पारंपरिक चूल्हें पर निर्भर थी. पारंपरिक चूल्हों में लकड़ी के जलने से प्रदूषण होता है, जो स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.