सोने की कीमत 60 हजार के आसपास पहुंच गई है. सोना ऐसी चीज है जिससे हर भारतीय परिवार का भावनात्मक रिश्ता है. वहीं महिलाओं को सोने के आभूषणों के विशेष लगाव रहता है.
यही कारण है कि अगर किसी को सोना नहीं भी खरीदना हो, फिर भी उसकी कीमत जानने में सबकी दिलचस्पी रहती है. आज इसकी कीमत भले ही 60 हजार के आसपास चल रही है, लेकिन आप जानते हैं कि देश की आजादी के समय क्या भाव था?
आपको बता दें कि देश के आजाद होने के बाद से लेकर अब तक सोने की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इस दौरान सोने की कीमत कई सौ गुना बढ़ गई है. आइए जानते हैं कि पिछले 76 सालों में सोने की कीमत में कब-कब और कितनी बढ़ोतरी हुई है.
पहली बार कब पार किया 100 रुपये का भाव?
देश की आजादी के समय यानी साल 1947 में 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 88 रुपये थी. 11 साल बाद यानी 1959 में पहली बार सोने की कीमत 100 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार गई. वहीं 1975 तक आते-आते सोना 500 के लेवल को पार कर चुका था. अगर वर्तमान से 15 साल पीछे जाकर देखें तो साल 2007 में सोने की कीमत 10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. अगस्त 2020 में इसने 56,191 का रिकॉर्ड पार किया. वर्तमान में इसकी कीमत करीब 60 हजार के पास है. मार्केट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक सोने की कीमत 59,980 रुपये हैं.
अब तक 68000 हजार फीसदी रिटर्न
सोना सभी निवेश विकल्पों में रिटर्न के मामले में सबसे टॉप पर रहा है. देश के आजाद होने के बाद से अब तक यह करीब 68000 फीसदी रिटर्न दे चुका है. यानी इतने सालों में सोने की कीमत करीब 680 गुना बढ़ गई है. ऐसे में निवेश के लिए यह ऑल टाइम सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला विकल्प है. सोने के कारोबार से जुड़े जानकारों के मुताबिक, सोना खरीदते वक्त उसकी शुद्धता और हॉलमार्किंग का खासतौर से ध्यान रखना जरूरी है. वहीं इसके बिल में हॉलमार्किंग और रेट जरूर लिखवाना चाहिए.
उतार-चढ़ाव में अच्छा रिटर्न देता है सोना
मार्केट के जानकारों का कहना है कि फिजिकल सोना खरीदने और ज्वेलरी बनवाने के अलावा आप डिजिटल गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड एमएफ में निवेश किया जा सकता है. सोने में निवेश के लिए आपके पास ज्वेलरी, गोल्ड कॉइन, ईटीजी गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, डिजिटल गोल्ड और गोल्ड डेरिवेटिव्स जैसे कई निवेश के विकल्प मौजूद हैं. बता दें कि मार्केट के उतार-चढ़ाव के दौर में सोना अच्छा रिटर्न देता है.