घर खरीदने के बाद सबसे पहली चिंता होमलोन की ईएमआई को लेकर होने लगती है. क्योंकि, जैसे ही फ्लैट की चाबी मिलती है तो लोन की किस्तें कटना शुरू हो जाती हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीदने पर आपको होमलोन पर ब्याज/ईएमआई का भुगतान उस समय तक नहीं करना होता है जब तक कि सबवेंशन अवधि खत्म नहीं हो जाती है. अब आप सोचने लगे कि आखिर ये सबवेंशन अवधि क्या है. दरअसल, रियल एस्टेट सेक्टर में सरकार ने पिछले 10 सालों में कई सुधार किए हैं ताकि घर खरीदारों को पजेशन समय पर मिले और उनकी परेशानियां खत्म हों, इसमें सबवेंशन स्कीम (Subvention Scheme) भी शामिल है. हालांकि, होम बायर्स के लिए फायदेमंद रही सबवेंशन स्कीम अब लगभग बंद हो चुकी है. लेकिन, घर खरीदारों की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबवेंशन स्कीम फिर से सुर्खियों में है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट सेक्टर में डेवलपर्स/बिल्डर्स और बैंकों के बीच संदिग्ध गठजोड़ की जांच सीबीआई से करने को कहा है. यह मामला सबवेंशन स्कीम से संबंधित है, जिसमें बैंकों ने उचित जांच-पड़ताल किए बिना ही इस योजना के तहत डेवलपर्स को लोन मंजूर कर दिया. जब, बिल्डरों ने अपने वादों को पूरा नहीं किया, तो ईएमआई भुगतान का बोझ घर खरीदारों पर डाल दिया गया. सुप्रीम कोर्ट का मौजूदा आदेश फैसला दिल्ली-एनसीआर और मुंबई समेत अन्य शहरों में हजारों होमबायर्स की लगातार शिकायतों के मद्देनजर आया है. आइये आपको बताते हैं आखिरी सबवेंशन स्कीम क्या होती है