मध्य प्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है। टाइगर डे के दिन जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में हैं। शनिवार को इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में सर्वाधिक 785 बाघ मध्यप्रदेश में हैं।
जिनकी वजह से प्रदेश को यह गौरव पुन: मिला है। मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है। वन विभाग और वन्य-प्राणियों की सुरक्षा में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं, वन्य-प्राणियों की सुरक्षा का कार्य अत्यंत मेहनत और परिश्रम का है। लोगों के सहयोग के बिना वन्य-प्राणियों की सुरक्षा संभव नहीं है। मुख्यमंत्री कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारी समेत कई लोग उपस्थित रहे।
बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि “अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप, चार वर्षों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। मैं पूरे प्रदेश की जनता को, वन एवं वन्य-प्राणियों के संरक्षण में उनके सहयोग के लिये ह्रदय से धन्यवाद और बधाई देता हूं। आइये हम सब मिलकर अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर भावी पीढ़ियों के लिये प्रकृति संरक्षण का पुन: संकल्प लें।”
तेंदुआ और घड़ियाल स्टेट भी है MP
सूबे के CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि टाइगर स्टेट के साथ-साथ मध्यप्रदेश तेंदुआ और घड़ियाल स्टेट भी है। गिद्ध और भेड़ियों की संख्या में भी हम आगे हैं। गिद्धों को पुर्नस्थापित करने की हमारी कोशिशें लगातार जारी हैं। प्रदेश में इंसान की जिंदगी बेहतर बनाने के साथ-साथ वन्य-प्राणियों का अस्तित्व बनाये रखने का अभियान लगातार जारी रहेगा। वन्य-प्राणियों के अस्तित्व को बनाए रखने का कार्य वनवासियों के सहयोग से ही संभव है। प्राणियों के संरक्षण के लिए पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है।
वन्य-प्राणियों पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MP के बाघों की छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदेश में बाघ संरक्षण पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पर बनाई गई फिल्म दिखाई गई। मुख्यमंत्री ने फिल्म के कलाकारों को स्मृति-चिन्ह प्रदान किए।