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जुलाई में टूटा बारिश का रिकॉर्ड, अगस्त और सितंबर में क्या रहेगा हाल? मौसम विभाग ने बताया|

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देशभर में भारी बारिश का रिकॉर्ड इस साल जुलाई में टूट गया। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई में भारी बारिश की 1113 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जबकि चरम बारिश की 205 घटनाएं हुई हैं। इससे पहले 2019 में भारी बारिश की सबसे अधिक 753 घटनाएं दर्ज की गई थी, जबकि चरम बारिश की 161 घटनाएं दर्ज हुई थीं।

यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि मौसम पर जलवायु परिवर्तन का असर किस तरह से पड़ने लगा है। वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार मानसून सीजन के दूसरे हिस्से, अगस्त तथा सितंबर में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक अल नीनो का मानसून पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। विभाग का कहना है कि अभी भी अलनीनो की स्थितियां कमजोर बनी हुई हैं।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम. महापात्र ने सोमवार को कहा कि पूर्वी मध्य भारत, पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ हिस्सों तथा हिमालय के अधिकांश उपसंभागों में सामान्य और इससे थोड़ी अधिक बारिश होने का अनुमान है। जबकि प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तर-पश्चिम व मध्य भारत के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से थोड़ी कम 94 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। अगस्त एवं सितंबर के महीने में औसत 422 मिलीमीटर बारिश होती है।

उत्तर पूर्व के अधिकांश हिस्सों में तापमान अधिक रहेगा
आईएमडी के अनुसार अगस्त के महीने में दक्षिणी हिस्से, उत्तर पूर्व भारत के अधिकांश हिस्सों, उत्तर पश्चिम एवं मध्य भारत में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। डॉ. महापात्र ने कहा कि एक ओर जहां भारत में जुलाई में 13 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 1901 के बाद से इस महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई। महापात्रा ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में 2001 के बाद से जुलाई में सबसे अधिक 258.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

मॉनसूनी बारिश में बदलाव
आईएमडी प्रमुख ने कहा कि भारत में मॉनसूनी बारिश में उतार-चढ़ाव देखा गया है, जून में नौ फीसदी कम, जबकि जुलाई में 13 फीसदी अधिक बारिश हुई है। देश में अब तक मानसून सीजन में सामान्य बारिश (445.8 मिमी) की तुलना में 467 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पांच प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि अल नीनो से अब तक मॉनसूनी बारिश पर कोई असर नहीं पड़ा है। अल नीनो आमतौर पर भारत में मॉनसूनी हवाओं के कमजोर होने और शुष्क मौसम से जुड़ा है।

जुलाई में भारी बारिश का टूटा रिकॉर्ड
मौसम विभाग के अनुसार भारी बारिश की घटना उसे माना जाता है जब 24 घंटे के भीतर 115.6 मिलीमीटर से लेकर 204.5 मिलीमीटर तक बारिश होती है। इस तरह की 1113 घटनाएं जुलाई के महीने में रिकार्ड की गई हैं। यदि बारिश 204.5 मिलीमीटर से ज्यादा होती है तो उन घटनाओं को चरम बारिश की घटना माना जाता है। ऐसी घटनाओं का भी जुलाई में रिकार्ड टूटा है, कुल 205 ऐसी घटनाएं रिकार्ड की गई हैं। विभाग के अनुसार यह घटनाएं न सिर्फ पर्वतीय राज्यों में हुई बल्कि देश के मैदानी क्षेत्रों एवं करीब-करीब सभी हिस्सों में दर्ज की गई हैं। यानि जुलाई महीने में रोजाना 35-36 भारी बारिश की घटनाएं हुई। इससे जान-माल की भारी क्षति भी हुई है।

2019 से रखा जा रहा रिकॉर्ड
मौसम विभाग के अनुसार 2019 से भारी बारिश और चरम बारिश की घटनाओं को रिकॉर्ड रखा जा रहा है, तब से पहली बार सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। एक तरफ जहां दुनियाभर में जुलाई अब तक सबसे गर्म महीना होने का अनुमान है। वहीं भारत में भारी बारिश व चरम बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ा है। अधिकतम तापमान के लिहाज से भारत में जुलाई अब तक का आठवां तथा न्यूनतम तापमान के हिसाब से दूसरा गर्म महीना रहा। मौसम विभाग ने 1901 से अब तक के आंकड़ों के आधार पर यह दावा किया है।