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हजारों सैनिक, 100 टैंक. चीन बॉर्डर पर भारत ने की थी ऐसी तैयारी, रिपोर्ट में खुलासा…

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देश जब आजादी का जश्न मनाने के लिए तैयार है, तब भारत-चीन के बॉर्डर पर हलचल तेज़ है. 14 अगस्त एक अहम दिन है क्योंकि भारत-चीन के बीच सोमवार को चुशूल मोल्दो में 19वें दौर की बातचीत होनी है.

जून 2020 से गलवान घाटी में जो विवाद हुआ, उसके बाद से ही सीमा पर तनाव है और दोनों देश बातचीत के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश में हैं लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं ऐसे में अब हर किसी को उम्मीद है कि क्या इस बातचीत से कोई बेहतर रास्ता निकलता सकता है या नहीं.

इस बातचीत से पहले बॉर्डर की स्थिति को लेकर अहम जानकारी भी आई है. जून 2020 से लेकर अभी तक भारत ने चीन से सटे बॉर्डर पर अपनी निगरानी को काफी बढ़ाया, इतना ही नहीं देश के अलग-अलग हिस्सों से भारत ने करीब 68 हजार जवान, 100 टैंक और अन्य बड़े-अहम हथियारों को बॉर्डर पर पहुंचाया था. वायुसेना की मदद से सभी को एयरलिफ्ट किया गया था, ताकि जरूरत पड़ने पर चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए.

: भारत-चीन के बीच क्या होगी बात?

पीटीआई के इनपुट के मुताबिक, वायुसेना ने बॉर्डर पर निगरानी रखने के लिए सुखोई-30 से लेकर जैगुआर तक को तैनात किया था, इनके अलावा ड्रोन से बॉर्डर पर नज़र रखी जा रही थी. बता दें कि 15 जून 2020 को भारत-चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में तनाव हुआ था, इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे जबकि चीनी सेना को भी भारी नुकसान हुआ था. इसी के बाद बॉर्डर पर हालात काफी बिगड़ गए थे और चीज़ें कई बार युद्ध की ओर जाती दिखी थीं.

रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही बॉर्डर पर हालात बिगड़े और LAC के उस पार चीन ने अपनी सेना को इकट्ठा शुरू किया तभी भारत ने भी त्वरित एक्शन लिया. यही वजह रही कि वायुसेना के जरिए सैनिकों और हथियारों को एयरलिफ्ट किया, ताकि बिना किसी देरी के तैयारी की जा सके. इनमें 68 हजार जवान, 90 टैंक, 330 BMP इन्फैंट्री, रडार सिस्टम, आर्टिलिरी गन और अन्य जरूरी हथियार बॉर्डर पर पहुंचाए गए थे. वायुसेना के सुपर हरक्युलस, ग्लोबमास्टर के जरिए 9000 टन सामान शिफ्ट किया गया था.

चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत पहले ही एलएसी पर अपनी एक्टिविटी को बढ़ा रहा है. लद्दाख के आसपास वाले इलाके में भी भारत ने निर्माण कार्यों में तेज़ी पकड़ी है, ताकि चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. भारत-चीन सिर्फ सेना के लेवल पर ही अभी तक 18 दौर की बातचीत कर चुके हैं, इनके जरिए बॉर्डर से पूर्ण रूप से सेना को हटाना है लेकिन अभी तक ये संभव नहीं हो पाया है.

रिपोर्ट में दावा है कि अभी भी करीब 50 हजार सैनिक बॉर्डर पर तैनात हैं. हाल ही में 24 जुलाई को भारत के एनएसए अजित डोभाल ने चीनी डिप्लोमेट वांग यी स मुलाकात की थी, ब्रिक्स समिट से इतर हुई इस बैठक में बॉर्डर के हालात पर चर्चा हुई थी.