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छत्तीसगढ़ में किसान, मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाने से सरकार की जनहितैषी योजनाएं कारगर साबित हो गई : सी.एम. भूपेश बघेल!

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छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि प्रदेश के गांव-गांव में छोटे किसान, मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाने से सरकार की जनहितैषी योजनाएं काफी कारगर साबित हो रही हैं. राज्य में रोजगार, स्व-रोजगार, स्थानीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन को लेकर कई बड़े काम किए गए हैं.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में ग्रामीण तबकों और सुदूर वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का काफी लाभ पहुंचा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के वनवासी और आदिवासियों के हितों में कई बड़े कार्य किए गए हैं. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में देश का 74 फीसदी लघु वनोपज संग्रहित होता है.

संग्राहकों की संख्या 4 गुना बढ़ी

छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा कि यहां संग्राहकों के हित में लघु वनोपजों की संख्या में लगातार वृद्धि करते हुए 7 से बढ़ाकर वर्तमान में 67 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है. खरीदी बढ़ने से संग्राहकों की संख्या में भी 4 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है.

जानकारी के मुताबिक साल 2018-19 में संग्राहकों की संख्या 1.5 लाख थी जो बढ़कर 6 लाख हो गई है. साल 2021-22 में कुल 42 हजार मीट्रिक टन लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, जबकि यह मात्रा साल 2018-19 में 540 मीट्रिक टन थी. प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ अनिल राय का कहना है छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन भी चलाया जा रहा है. इसके तहत समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी की खरीदी की जा रही है.

तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ी

छत्तीसगढ़ पूरे देश का सबसे बड़ा वनोपज संग्राहक राज्य है. पिछले साढ़े चार सालों में छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी योजनाओं की वजह से करीब 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों और 06 लाख वनोपज संग्राहकों को विशेष आमदनी हो रही है. संग्राहकों के हित में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है.

संग्राहकों को पिछले चार सालों के दौरान 2146.75 करोड़ रूपए तेन्दूपत्ता के हिसाब से मेहनताना दिया गया है. संग्राहक परिवारों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत अब तक 4692 हितग्राहियों को 71.02 करोड़ रूपए की सहायता प्रदान की गई है.

लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा

वन अधिकारों के क्रियान्वयन में भी छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्य है. छत्तीसगढ़ सरकार ने लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया है. लाख उत्पादक कृषकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करने की योजना भी लागू की है. इससे लाख उत्पादक किसानों के जीवन में सुधार आ रहा है.