शेयर मार्केट के जानकारों का कहना है कि इस साल बाजार में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है. बीता साल शेयर मार्केट के लिए शानदार रहा और ये साल इसके उलट साबित हो सकता है. हालांकि, जियोजीत फाइनेंशियल्स सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि लंबी अवधि में भारतीय शेयर बाजार का शानदार प्रदर्शन जारी रहने की उम्मीद है. उनका कहना है कि इसका एक बड़ा कारण राजनीतिक स्थिरता और मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ है.
वहीं, इन्वेस्टमेंट व ब्रोकिंग फर्म एंजेल वन के टेक्निकल और डेरिवेटिव के सीनियर एनालिस्ट ओशो कृष्ण का कहना है कि निवेशकों को कंसोलिडेशन (गिरावट) के लिए तैयार रहना चाहिए. वह कहते हैं, “हम इस समय प्राइस बेस्ड करेक्शन के दौर में हैं. कई शेयरों में एडजेस्टमेंट देखने को मिल सकती है.” वहीं, नायर का कहना है कि दोनों प्रमुख इंडेक्स में इस साल केवल 10-12 फीसदी के रिटर्न की ही उम्मीद है.
इन शेयरों से बनाएं दूरी
जियोजीत फाइनेंशियल्स के अनुसार, निवेशकों को ऐसे शेयरों से दूर रहना चाहिए जिनके फंडामेंटल्स कमजोर हों. फंडामेंटल्स में कंपनी के कैश फ्लो और रिटर्न ऑन एसेट्स को देखा जाता है. एनालिस्ट्स इन पर अध्ययन करके उस कंपनी के शेयरों को ओवरवैल्यूड या अंडरवैल्यूड बताते हैं. इसमें शेयरों की हिस्ट्री को भी शामिल किया जा सकता है. यानी उन्होंने पहले कैसा रिटर्न दिया है. इन सब के आधार पर कंपनी का प्रोफाइल तैयार किया जाता है. अगर फंडामेंटल्स ठीक नहीं है तो संभव है कि उस कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिले. एनालिस्ट्स मानते हैं कि जब बाजार करेक्शन यानी गिरावट के दौर से गुजरता है तो सबसे ज्यादा पिटाई कमजोर फंडामेंटल्स वाले शेयरों की ही होती है.