दो तिहाई वंचित आबादी को देश की तरक्की का भागीदार बनाए बिना भारत की समृद्धि असंभव है। कांग्रेस ‘भारत बनाने वालों’ के साथ न्याय कर एक सशक्त और समृद्ध भारत की नींव रखेगी।
मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों की कोई जगह नहीं है। देश के बजट के हर 100 रुपए में दो तिहाई आबादी का हिस्सा सिर्फ 6 रुपए है। इस वर्ग के साथ हो रहा भयंकर अन्याय देश को अंदर से खोखला बना रहा है।
राहुल गांधी के ‘क्रांतिकारी कदमों’ से कांग्रेस को कोई होता दिख नहीं रहा है। वे जातिगत गणना का मुद्दा लगातार उठाते आ रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्हें कोई फायदा नहीं मिला, उलटा छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उन्हें सरकार गंवानी पड़ी थी।
मध्य प्रदेश में तमाम अटकलों के बावजूद एक बार फिर भाजपा की सरकार बन गई। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि राहुल को लोकसभा में चुनाव में इन बातों का कितना फायदा मिलेगा। जानकारों की मानें तो धन-संसाधनों की मैपिंग के मुद्दे पर देश के धनपतियों का एक बड़ा वर्ग उनसे नाराज हो सकता है। इसलिए यह दांव उनको उलटा भी पड़ सकता है।