Home देश Lok Sabha Chunav 2024: जिस मुस्लिम बहुल सीट पर कभी नहीं जीता...

Lok Sabha Chunav 2024: जिस मुस्लिम बहुल सीट पर कभी नहीं जीता NDA, परिसीमन ने कैसे बदल दी तस्वीर

28
0

Lok Sabha Chunav 2024: जिस मुस्लिम बहुल सीट पर कभी नहीं जीता NDA, परिसीमन ने कैसे बदल दी तस्वीर

”निचले असम की बारपेटा लोकसभा सीट कभी मुस्लिम बहुल हुआ करती थी। 1952 के पहले चुनाव से यहां कभी भी जनसंघ, बीजेपी या उसके एनडीए सहयोगियों को चुनाव जीतने का मौका नहीं मिला।”

”लेकिन, इस बार जिससे भी मुकाबला हो, लड़ाई में एनडीए ही आगे दिख रहा है।”

”बारपेटा लोकसभा सीट अब हिंदू बहुल सीट बन चुकी है। परिसीमन के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में 19,49,873 वोटर हैं, जिनमें से मुसलमान अब महज 7 से कुछ ज्यादा रह गए हैं। बाकी सारे मतदाता हिंदू हैं, जो 7 मई को तीसरे चरण के चुनाव में मतदान करेंगे।”

”वैष्णव आस्था का केंद्र है बारपेटा”

”वैसे असम का बारपेटा जिला सब्जियों के उत्पादन और बाजार के लिए जाना जाता है। लेकिन, देश में इसकी असल पहचान वैष्णव आस्था और उससे जुड़े मंदिरों के केंद्र के लिए है। बारपेटा लोकसभा सीट के तहत अब 10 विधानसभा क्षेत्र हैं। लेकिन, ये विधानसभा सीटें बारपेटा, बजाली, बोंगाईगांव, नलबाड़ी और कामरूप मिलाकर पांच जिलों में आते हैं।”

”2014 के अलावा कांग्रेस-लेफ्ट के हाथों में रही है बारपेटा सीट”

”1952 के पहले आम चुनावों से बारपेटा लोकसभा सीट से सिर्फ कांग्रेस और सीपीएम ही जीतती रही थी। सिर्फ 2014 में यहां बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ जीती और उनके भाई सिराजुद्दीन अजमल को संसद जाने का मौका मिला।”

”पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद भी यहां से जीत चुके हैं चुनाव”

”कांग्रेस यहां से कुल 11 बार चुनाव जीत चुकी है। भारत के पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद भी 1967 से 1971 के बीच यहीं से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। 1974 से 1977 तक वह देश के राष्ट्रपति रहे, जिस दौरान भारत को आपातकाल का भी सामना करना पड़ा था।”

”मुस्लिम मतदाताओं की संख्या घटने के बाद कांग्रेस ने बदला उम्मीदवार”

”2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अब्दुल खालिक ने एआईयूडीएफ से फिर यह सीट छीन ली। लेकिन, पिछले साल हुए परिसीमन के बाद इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या घटने की वजह से कांग्रेस ने खालिक का टिकट काटकर प्रदेश सेवा दल अध्यक्ष दीप बायन को मौका दिया है।”

”इंडिया ब्लॉक यहां भी दो फाड़”

”इस चुनाव में भी यहां विपक्षी दलों का इंडिया ब्लॉक टूट चुका है और कांग्रेस के खिलाफ सीपीएम ने भी सरभोग से अफने एमएलए मनोरंजन तालुकदार को उतारा है। दोनों ही पार्टियां हर हाल में इस सीट पर कब्जे के लिए जोर लगा रही हैं।”

”एनडीए से बीजेपी की सहयोगी एजीपी लड़ रही है चुनाव”

”असम में सत्ताधारी बीजेपी ने यह सीट एनडीए में अपनी सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) को दी है। एजीपी ने बोंगाईगांव से अपने 8 बार के विधायक फणी भूषण चौधरी को बारपेटा से चुनाव मैदान में उतारा है। कुल मिलाकर इस बार बारपेटा सीट पर 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।”

”एनडीए का हौसला बुलंद, कुछ प्रमुख हस्तियों का मनोबल पस्त”

”साढ़े 12 लाख से अधिक हिंदू मतदाताओं की मौजूदगी की वजह से जहां एनडीए को पहली बार अपना सपना सच होता नजर आ रहा है। वहीं कांग्रेस और लेफ्ट को आमने सामने देखकर असम की कुछ नामचीन हस्तियों की भी नींदे उड़ी हुई हैं।”

”ऐसे 75 से ज्यादा चर्चित लोगों ने कांग्रेस पार्टी से अपील की है कि वह बारपेटा से चुनाव लड़ने के फैसले पर फिर से विचार करे, ताकि आने वाले चुनाव में विपक्षी गठबंधन बीजेपी की चुनौती का डटकर मुकाबला कर सके।”

”पीएम मोदी नलबाड़ी में कर चुके हैं एजीपी के लिए रैली”

”कांग्रेस से अपील करने वालों में हिरेन गोहेन, उदयादित्य भराली, चंद्र मोहन सरमा जैसी अन्य हस्तियां शामिल हैं। इस सीट पर पहली बार जीत को लेकर बीजेपी की उम्मीदें कितनी बढ़ी हुई हैं कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में नलबाड़ी में अपनी सहयोगी पार्टी के समर्थन में रैली कर कर चुके हैं।”

”बरपेटा में कांग्रेस पर भारी पड़ेगी सीपीएम?..

”सीपीएम भी इस सीट को हर हाल में जीतने के लिए घर-घर जाकर प्रचार अभियान चला रही है। पार्टी ने एक लाख घरों में जाकर संपर्क करने का लक्ष्य रखा था और वह इस लक्ष्य को पार भी कर चुकी है।”

”राजनीति के जानकारों का कहना है कि बारपेटा लोकसभा सीट की डेमोग्राफी बदलने के बाद इस बार एजीपी और लेफ्ट के उम्मीदवार में तगड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।”