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छत्‍तीसगढ़ : बहुचर्चित 2,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में नकली होलोग्राम छापने वाली एजेंसी और फैक्ट्री तक ईओडब्ल्यू का छापा…

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छत्‍तीसगढ़ : बहुचर्चित 2,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में नकली होलोग्राम छापने वाली एजेंसी और फैक्ट्री तक ईओडब्ल्यू का छापा…

शराब घोटाले में नकली होलोग्राम मामले में एक बड़ा सच सामने आया है। नकली होलोग्राम नोएडा से नहीं बल्कि रायपुर के जीएसटी में इसकी छपाई होती थी। छपाई के बाद नकली होलोग्राम को डिस्‍टलरियों में भेजा जाता था। वहां से सीधे दुकानों में भेजा जाता था।

छपता हुआ हाेलोग्राम, जिसमें ट्रिपल ”ए” का उल्लेख।

ट्रिपल ”ए” के नाम से हो रही थी होलोग्राम की छपाई, चार साल में चालीस लाख पेटी से ज्यादा की सप्लाई, नकली होलोग्राम से 1,660 करोड़ की अवैध कमाई…

छत्‍तीसगढ़ के बहुचर्चित 2,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में नकली होलोग्राम छापने वाली एजेंसी और फैक्ट्री तक ईओडब्ल्यू पहुंच गई है। जाच पड़ताल में सामने आया कि कांग्रेस शासन काल में जीएसटी भवन के ही ग्राउंड फ्लोर में इसका संचालन किया जा रहा है। साथ ही यहां नकली होलोग्राम की छपाई की जाती थी, जिसमें सीधे तौर पर ट्रिपल ”ए” का कनेक्शन दिखाई दे रहा है।

ट्रिपल यानी कि इस पूरे घोटाले के मास्टर माइंड अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और अनिल टुटेजा। इसी नाम से नकली होलोग्राम की छपाई करने के साथ ही प्रदेश में पिछले चार वर्षों में 40 लाख से ज्यादा पेटियां अवैध शराब की सप्लाई की गई।

वहीं, नकली होलोग्राम के पूरे मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा पेश किए गए चालान के अनुसार इस पूरे सिंडीकेट द्वारा इस नकली होलोग्राम से 1,660 करोड़ रुपये की अवैध कमाई करते हुए शासन के खजाने में सेंध लगाई है।

अब भी चल रही है कंपनी

नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी अब भी उक्त जगह पर ही कार्य कर रही है और इसका अनुबंध शासन से होने की वजह से अभी भी होलोग्राम की छपाई यहीं से की जा रही है। हालांकि इसकी पूरी निगरानी आबकारी विभाग सहित शासन की ओर से की जा रही है।

दोनों होलोग्राम साथ में छपते थे

एजेंसी द्वारा दोनों ही प्रकार के होलोग्राम की छपाई की जाती थी। जिसमें एक वैध और दूसरा अवैध। वैध की संख्या काफी कम रखी जाती थी, जबकि अवैध यानी की नकली होलोग्राम की छपाई बड़ी संख्या में की जाती थी। जानकारी के अनुसार लगभग 12 करोड़ नकली होलोग्राम की छपाई करवाई गई थी और इसी के साथ इसकी सप्लाई भी की गई।