कई सारे स्कूलों में फीस बढ़ने के मामले सामने आ रहे हैं जहां पर स्कूल नए सेशन के लिए स्टूडेंट्स के पैरेंट्स से बहुत ज्यादा फीस चार्ज कर रहे हैं। ऐसे में माता-पिता ने स्कूलों के इस मनमाने व्यवहार पर कई तरह से सवाल खड़े किए हैं जिनकी वजह से उनके बच्चों को पढ़ाने का खर्च बहुत तेजी से बढ़ गया है। स्कूलों के मनमाने व्यवहार के चलते फीस हर साल बढ़ती चली जा रही है और इस बारे में फीस रेगुलेशन करने के लिए नियम-कानूनों की कमी भी इस समस्या की एक बड़ी वजह बन रही है।
जिन स्कूलों की शिकायत सामने आ रही है, उनका कहना है कि फीस जरूरत और नियम के हिसाब से बढ़ाई गई है। अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स की एक्शन कमिटी के प्रेजिडेंट भरत अरोड़ा का कहना है कि स्कूलों ने फीस दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट के तहत ही बढ़ाई है। ज्यादातर स्कूलों ने 5% से 10% तक ही इजाफा किया है। उधर, शिक्षा निदेशालय का कहना है कि फीस बढ़ाने के लिए इजाजत लेने का मामला अभी कोर्ट में पेंडिंग है। सुनवाई मई में है।