उत्तरकाशी के धराली में त्रासदी के बाद भारी तबाही हुई है. चारों तरफ बर्बादी का मलबा पसरा हुआ है. इस बीच प्रशासन के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. आज (8 अगस्त) रेस्क्यू ऑपरेशन का चौथा दिन है.
सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों दिन रात बिना रुके काम में जुटी हुई हैं. धराली में मंगलवार को बादल फटने से जो तबाही आई उसकी तस्वीरें देखकर पूरा देश सहम गया. इस त्रासदी में अब तक पाँच लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. जबकि 372 अधिक को बचाया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना का सबसे बड़े जहाज चिनूक को लगाया गया है. गुरुवार को चिनूक के ज़रिए भारी मात्रा में राहत सामग्री भेजी गई.
चिनूक हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. सेना ने कहा कि 50 से अधिक लोग लापता हैं हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि ये संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. शुक्रवार को भी हेलीकॉप्टरों के ज़रिए आपदा के निकटवर्ती गांवों और सेना के शिविरों में शरण लेने वाले लोगों को बाहर निकालने का काम जारी है.
धराली त्रासदी के तीन दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन अब तक सड़क मार्ग बहाल नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से कई टीमें अभी भी रास्ते में फंसी हुई है. जगह-जगह भूस्खलन होने की वजह से रास्ते बंद हो गई हैं. इन रास्तों को खोलने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. सेना और राहत बचाव टीमें रास्ते दुरुस्त करने में जुटी हुई है.
सड़क मार्ग बहाल करने की कोशिश एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक गंभीर सिंह चौहान ने कहा कि यह एक बड़ी आपदा है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. उत्तरकाशी को जोड़ने वाली सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं. हालांकि हमारी टीम पीड़ितों को बाहर निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में काम कर रही हैं. उत्तरकाशी-हर्षिल का रास्ता पूरा बह चुका है जिसे बहाल करने की कोशिश की जा रही है.
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि हर्षिल, गंगोत्री और झाला से 275 लोगों को मातली हेलीपैड भेजा गया, जहां से उन्हें उनके गंतव्यों को भेजा जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि आधुनिक उपकरणों को वायु मार्ग से धराली तक पहुंचाने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं ताकि मलबे में दबे लोगों की तलाश का काम रफ्तार पकड़ सके.
सीएम धामी ने दिया हरसंभव मदद का भरोसा बचाव कार्यों की निगरानी के लिए बुधवार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी में डेरा जमाया है. गुरुवार को भी उन्होंने आपदा पीड़ितों से मुलाक़ात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. सीएम धामी ने कहा कि हम सभी संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़े हैं, वहां फंसे प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित निकालने तक राहत और बचाव कार्य जारी रहेगा.
सेना ने बताया कि कई स्थानों जैसे भटवाड़ी, लिंचीगाड़, हर्षिल के पास, गंगनानी और धराली में सड़क संपर्क टूटा हुआ है. सैन्य और अन्य टीमें विभिन्न जगहों पर फंसे लोगों को निकालने, राहत पहुंचाने तथा संपर्क बहाल करने के काम में दिन-रात जुटी हुई हैं. हर्षिल और नेलोंग में सैन्य हैलीपैड संचालित है और गंगोत्री तक सड़क से जुड़ा है.
सेना के अनुसार, इंजीनियरों, चिकित्सा दलों और बचाव विशेषज्ञों सहित 225 से ज़्यादा बचावकर्मी मौके पर मौजूद हैं. खोजी और बचाव कुत्तों को भी मौके पर तैनात किया गया है. अगले 24-48 घंटों के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है जिसमें चिनूक हेलीकॉप्टरों द्वारा अर्धसैनिक बलों और चिकित्सा दलों को हर्षिल तक पहुंचाना है.