छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में फंसे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की हिरासत को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। चैतन्य बघेल के मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई हो रही है।
जानें क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे ने यह याचिका दायर की थी कि उन्हें इस मामले में न तो गिरफ्तार किया जाए और न ही ईडी की तरफ से परेशान किया जाए। उन्होंने जांच की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं।
पीएमएलए कानून को दी गई चुनौती
इसके अलावा दोनों ने यह भी याचिका दाखिल की थी कि धनशोधन निवारण अधिनियम की कुछ धाराओं को असंवैधानिक घोषित किया जाए, खासकर वे धाराएं जो ईडी को गिरफ्तारी और जांच के लिए शक्ति देती हैं। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस विषय में अलग से नई याचिका दायर की जाए, जिसे 6 अगस्त को शीर्ष अदालत में सुना जाएगा। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने शराब, कोयला और महादेव सट्टा एप घोटालों में नाम सामने आने के बाद अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी।
चैतन्य बघेल के बर्थडे पर 18 जुलाई को ईडी ने भिलाई स्थित उनके निवास पर छापा मारकर गिरफ्तार किया था। उन पर दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। इस केस में ईडी ने विशेष न्यायालय से परमिशन लेकर उन्हें पांचदिन की रिमांड पर लिया था। आज रिमांड खत्म होने पर उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर उन्हें जेल भेज दिया गया।
चैतन्य बघेल के वकील ने लगाया आवेदन
जेल में बंद चैतन्य बघेल को सुरक्षा देने और जेलर के कमरे में परिवार से सप्ताह में एक बार और वकील से डेली मुलाकात का आवेदन लगाया गया है। कांग्रेसी नेता आशीष शिंदे पर हुए हमले का हवाला देकर आवेदन लगाया गया है। 18 जुलाई से 45 दिन की ईडी ऑफिस के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का भी आवेदन लगाया गया है।
चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि चैतन्य बघेल को इस शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी। उन्होंने अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल इस धनराशि को आपस में मिलाने के लिए किया था। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वे उनके साथ सहयोग करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उनके बेटे के खिलाफ ईडी की कार्रवाई राज्य में “अवैध वृक्ष कटाई” से ध्यान हटाने के लिए शुरू की गई थी, क्योंकि कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने वाली थी।
एजेंसी ने कहा कि जूनियर बघेल चैनन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों नामक एक स्थानीय व्यवसायी के साथ सांठगांठ की और उसकी कंपनियों का उपयोग करके एक ऐसी योजना जिसके तहत उन्होंने ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीदने के नाम पर पांच करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा बैंकिंग ट्रेल से पता चलता है कि संबंधित लेन-देन के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त हुआ।