अमेरिका के साथ भारत के व्यापार समझौते पर लंबी बातचीत के बावजूद कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका। दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न केवल भारत पर 25 प्रतिशत का आधार शुल्क लगाया, बल्कि रूस से सस्ता तेल खरीदने पर दंड स्वरूप 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की भी घोषणा की।
हालाँकि, यह अतिरिक्त शुल्क अभी लागू नहीं हुआ है, बल्कि 27 अगस्त से लागू होना है। भारत की आर्थिक मजबूती पर रिपोर्ट इस बीच, एक ऐसी रिपोर्ट आई है, जो भारत की बढ़ती आर्थिक मजबूती को दर्शाती है, और जिसे देखकर अमेरिकी राष्ट्रपति भी हैरान हो सकते हैं। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के निदेशक यिफार्न फूका का कहना है कि अमेरिकी शुल्क से भारत की आर्थिक वृद्धि प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि भारत एक व्यापार-उन्मुख अर्थव्यवस्था नहीं है। उन्होंने बुधवार को कहा कि भारत की ‘सॉवरेन रेटिंग’ का परिदृश्य सकारात्मक बना रहेगा। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने पिछले साल मई में मजबूत आर्थिक वृद्धि का हवाला देते हुए भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर ‘पॉजिटिव’ कर दिया था।
इस पर असर क्यों नहीं पड़ेगा? यह पूछे जाने पर कि क्या टैरिफ लगाने से भारत के सकारात्मक दृष्टिकोण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के निदेशक ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसका भारत की आर्थिक वृद्धि पर कोई प्रभाव पड़ेगा क्योंकि भारत बहुत अधिक व्यापार-उन्मुख अर्थव्यवस्था नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में निर्यात के मामले में भारत की अमेरिका पर निर्भरता देखें, तो यह लगभग 2 प्रतिशत ही है। एसएंडपी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के बराबर है।