“भारत को कोई नहीं रोक सकता, अमेरिका भी नहीं!”
नई दिल्ली। “भारत को कोई नहीं रोक सकता” ये बात अब सिर्फ एक जज्बा नहीं, बल्कि सच्चाई बनती जा रही है। मशहूर अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch Ratings) ने एक बार फिर भारत की आर्थिक सेहत पर मुहर लगाई है।
वैश्विक अनिश्चितताओं, व्यापारिक तनाव और टैरिफ वॉर जैसे माहौल में भी भारत मजबूती से खड़ा है। भारत की ग्रोथ स्टोरी कायम फिच ने भारत की रेटिंग BBB- पर बरकरार रखते हुए कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में भी 6.5% की दर से बढ़ेगी। यह दर दुनिया की ज्यादातर विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है। इस ग्रोथ की बुनियाद है, सरकारी निवेश, मजबूत घरेलू मांग और स्थिर आर्थिक नीतियां।
अमेरिका का टैरिफ वार – असर ना के बराबर हालांकि अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय सामानों पर 50% तक का टैरिफ लगा दिया है, लेकिन फिच का मानना है कि इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत मामूली असर होगा। कारण साफ है की भारत का अमेरिका को निर्यात, देश की कुल GDP का सिर्फ 2% है। यानी यह झटका उतना बड़ा नहीं जितना दिखता है। हाँ, कारोबारी माहौल में थोड़ी अनिश्चितता जरूर आ सकती है और निवेशकों के निर्णय थोड़े सतर्क हो सकते हैं, लेकिन जीएसटी के बेहतर क्रियान्वयन और घरेलू मांग में मजबूती इस असर को लगभग खत्म कर सकते हैं।
भारत में फिलहाल महंगाई काबू में, कर्ज हुआ सस्ता जुलाई 2025 में भारत की महंगाई दर गिरकर 1.6% पर आ गई है, जो कि एक बड़ी राहत है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट और बेहतर आपूर्ति व्यवस्था इसके मुख्य कारण रहे हैं। इसके जवाब में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस साल 1% की ब्याज दर में कटौती की है, जिससे लोन सस्ते हुए हैं, और इससे उपभोग व निवेश को बढ़ावा मिलेगा। फिच को उम्मीद है कि आगे एक और हल्की कटौती हो सकती है।
विदेशी मुद्रा भंडार बना भारत की ढाल, आर्थिक ताकत दरअसल, भारत के पास आज 695 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे भारत आठ महीने तक अपने सभी विदेशी खर्च खुद उठा सकता है। यही नहीं, भारत का विदेशी कर्ज भी केवल 3% है, जो भारत को वैश्विक झटकों से बचाता है। चालू खाता घाटा भी 1% से कम है, जो भारत की आर्थिक स्थिरता का बड़ा संकेतक है।