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CG: पांच शक्तिपीठों के कॉरिडोर के लिए राज्य सरकार ने सुरक्षा और सुविधाओं की तैयारी…

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छत्तीसगढ़ सरकार ने पांच शक्तिपीठों के कॉरिडोर का विकास शुरू किया। नवरात्रि 2025 से पहले मां दंतेश्वरी और मां महामाया शक्तिपीठ में सौंदर्यीकरण, सुरक्षा और सुविधाओं की तैयारी।

छत्तीसगढ़ की पांच शक्तिपीठों के कॉरिडोर के लिए राज्य सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की कवायद शुरू कर दी है। राज्य सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने काम करना भी शुरू कर दिया है।

जिला प्रशासन को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है, जिसमें शक्तिपीठों को पर्यटन क्षेत्र में विकसित करने के साथ ही जमीनों के चिन्हांकन के साथ अन्य सुविधाएं शामिल हैं। मंडल ने इस प्रोजेक्ट के लिए कंसलटेंसी की नियुक्ति की है। दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर व रतनपुर स्थित मां महामाया शक्तिपीठ में डेवलपमेंट का प्रस्ताव जिला प्रशासन से पर्यटन मंडल को प्राप्त हो चुका है।

शक्तिपीठों में यह सुविधाएं; नीलू शर्मा, चेयरमैन, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल: सौंदर्यीकरण, गार्डन, ठहने की व्यवस्था, लाइटिंग, हवन-पूजन स्थल, रेलिंग, पानी, सामुदायिक शौचालय, बैठने की व्यवस्था, रोप-वे, पर्यटन मंडल का केंद्र, सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षा व्यवस्था और होम स्टे आदि। छत्तीसगढ़ की पांच शक्तिपीठों की परियोजना के लिए जिला प्रशासन से प्रस्ताव मंगाया जा रहा है। यह राज्य सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है। श्रीराम वन गमन प्रोजेक्ट में अधूरे कार्य पूरे होंगे।

प्रोजेक्ट पर रोक हटेगी; श्रीराम वन गमन प्रोजेक्ट में अघोषित रोक हटाई जाएगी। आस्था के इस महत्वपूर्ण विषय पर राज्य सरकार इस पर काम शुरू कर सकती है। सरकार बदलने के बाद श्रीराम वन गमन प्रोजेक्ट में इस समय कार्य बंद हैं। पिछली सरकार ने प्रोजेक्ट के अंतर्गत 75 स्थानों को विकसित करने का निर्णय लिया था, जिसके एवज में निर्माण एजेंसियों को 82 करोड़ रुपके के करीब भुगतान हो चुका है। सत्ता के गलियारों में प्रोजेक्ट के नाम पर संशोधन आदि विषय पर भी चर्चा गर्म है।

मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़

1600 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर छत्तीसगढ़ ही नहीं देश-विदेशों में भक्तों के लिए आस्था का केंद्र हैं। मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास 2500 वर्ष से भी प्राचीन बताया जाता है। केंद्र सरकार ने यहां प्रसाद योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर की परियोजना की घोषणा की है।

मां महामाया मंदिर रतनपुर

बिलासपुर-कोरबा मार्ग पर महामाया देवी का यह मंदिर 1050 ईसवी में बनना बताया जाता है। राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा स्थापित मंदिर क्षेत्र को कलचुरियों की राजधानी माना जाता है।

मां दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा

दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर आदिवासियों के साथ आम लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है। 14वीं शताब्दी का यह मंदिर द्रविड़ शैली में निर्मित है जो कि डंकिनी, शंखिनी नदियों के संगम तट पर स्थित है।

मां बागेश्वरी कुदरगढ़ धाम

सूरजपुर जिले के ओडगी विकासखंड स्थित बागेश्वरी माता को राक्षसों के संहार के लिए जाना जाता है। 1500 फीट ऊंचे पहाड़ों पर स्थित यह मंदिर चारों ओर घने जंगलों से घिरा है।

मां चंद्रहासिनी चंद्रपुर

जांजगीर-चांपा के सक्ती जिला स्थित मां चंद्रहासिनी मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है। यह चंद्रपुर की पहाड़ी पर स्थित हैं। मंदिर की सुंदर कलाकृति प्राचीनता का अनुभव कराती है। लोगों की माता को लेकर बड़ी आस्था है।