उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय पेंडिंग शिकायतों के मामलों पर कड़ी नजर रख रहा है. साथ ही विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर कंपनियां GST कट का फायदा ग्राहकों को नहीं देंगी तो उनके खिलाफ ‘अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस’ के तहत क्लास एक्शन शुरू किया जा सकता है.
उपभोक्ता मामलों के विभाग (Department of Consumer Affairs) ने उन कंपनियों के खिलाफ सख्ती दिखाई है, जो सरकार द्वारा किए गए GST रेट कट का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रही हैं. मंत्रालय को अब तक 3,487 से ज्यादा शिकायतें और पूछताछ मिल चुकी हैं.
68 पर्सेंट डायरेक्ट विभाग की सचिव निधि खरे ने बताया कि इनमें से लगभग 68% सीधे तौर पर शिकायतें हैं, जबकि बाकी पूछताछ के मामले हैं. करीब 1,700 शिकायतें केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) को भेजी जा चुकी हैं.
सबसे ज्यादा शिकायतें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (घरेलू उपकरण) और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स से जुड़ी हैं. लोगों ने शिकायत की है कि दुकानदार और कंपनियां या तो गलत GST रेट चार्ज कर रहे हैं या फिर सरकार की ओर से नोटिफाई किए गए टैक्स कट को लागू ही नहीं कर रहे.
प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट पर…
कई मामलों में यह भी पाया गया कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट दिखाया लेकिन उसमें GST कट का फायदा पूरी तरह से नहीं दिया. वहीं कुछ मामलों में प्रोडक्ट की कीमत बढ़ाकर GST कट का असर खत्म कर दिया गया, जिसे प्रॉफिटियरिंग (नाजायज मुनाफाखोरी) माना जा रहा है.
इन शिकायतों का हल निकालने के लिए मंत्रालय ने नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) पर एक अलग से GST शिकायत कैटेगरी बना दी है. मंत्रालय ने साफ कहा है कि वह हर पेंडिंग केस पर बारीकी से नजर रख रहा है. अगर कंपनियां ग्राहकों को GST कट का फायदा देने से बचती रहीं, तो उनके खिलाफ अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के तहत सख्त एक्शन शुरू किया जाएगा.