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प्रदूषण के बचाव में क्या सच में कारगर रह पाएंगे मास्क ?

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दिवाली के बाद हर तरफ सिर्फ एक ही मुद्दा चल रहा है जो की है वायु प्रदूषण जिसने दब्ध कर हमारा जीना मुश्किल कर दिया है । दिवाली पर पटाखो के बेन हो जाने के बावजूद लोगो ने जम कर पटाखे चलाये उनको इस बात का जरा भी गम नही की इसका अंजाम होना क्या था और हुआ क्या है । पटाखे चलाने की मस्ती ने लोगों का जीवन ही जोखिम में दाल दिया और अब कम से कम आने वाले कुछ महिनो में इस बारे में विचार करना भी भूल जाना होगा की यह प्रदूषण कम हो भी सकता है ।

इस बढ़ते प्रदूषण का असर अब कम से कम 4 महीने जम कर रहने वाला है इतना ही नही आने वाली सर्दियों में यह और भी बढ़ेगा । ऐसे में लोग मास्क पहन कर इस प्रदूषण से जंग की तैयारी कर रहे हैं । लोगों को लगता है की मास्क पहनने से उन पर इसका असर कम हो जाएगा । पर क्या यह सच में काम करता है । या लोगों का यह भ्रम मात्र हैं । आइये जानते हैं इस बारे में ।

लोग प्रदूषण से बचाव के लिए सर्जिकल मास्क का उपयोग कर रहे हैं । पर जब इसको लेकर एक्सपर्ट्स की जानकारी सामने आई तो लोगों का सरवाइव करना और भी मुश्किल लग रहा है । लोग महंगे मास्क को पहन कर खुद को बहुत सेफ समझ रहे हैं । पर सूत्रों से यह पता चला है की मास्क पहनने के बाद भी प्रदूषण से बचाव बहुत मुश्किल है ।

असल में सर्जिकल मास्क प्रदूषण को रोकने में मदद नहीं करते हैं क्योंकि वे किसी भी प्रदूषक को रोक ही नहीं सकते हैं। प्रदूषण के लिए विशेष मुखौटे महंगे हैं और कोई भी मास्क 8-10 घंटे से अधिक काम नहीं करता है क्योंकि जब आप सांस लेते हैं, तो हवा में पानी की बूंदें मास्क को नरम बना देती हैं। इस प्रकार, यह उसके बाद काम नहीं करता है। इसलिए प्रदूषण से बचाव के लिए सही क्वालिटी और सही मास्क का ही आप उपयोग करें ।