धान खरीदी को छत्तीसगढ़ में बड़ा राजनीतिक संघर्ष दिख रहा है. निकाय चुनाव के बीच बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस को हर ओर से घेर देना चाहती है. भाजपा लगातार खरीदी केन्द्र से मिल रही अव्यवस्थाओं की ख़बरों को मुद्दा बना रही है. रमन सिंह ने आज इसी मुद्दे पर भूपेश बघेल पर करारा तंज कसा है. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस तरीके से सरकार धान की खरीदी कर रही है, जो व्यवस्था खरीदी केन्द्रों में बना दी गई है, उससे किसानों को अब लगा है कि उन्होंने अफीम की खेती कर ली है. क्योंकि किसानों को चोर अपराधी समझा रहा है. किसानों के धान जब्त किए जा रहे हैं. खरीदी को लेकर रोज नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं. सरकार की नियम साफ है कि 50 लाख मीट्रिक टन तक खरीदी को लेकर षड़यंत्र रच रही है.
उन्होंने कहा कि सरकारी आदेश में विसंगति है. धान खरीदी की सीमा प्रतिदिन, प्रति सोसायटी तय कर दी गई है. जबकि विपक्ष में रहते वादा करते रहे कि एक एक दाना धान खरीदनेंगे. अब सत्ता में आने के बाद वादे से मुकर रही है. किसानों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है. नए और पुराने बारदाने का पचास फीसदी रेशियो कर दिया गया है. सोसायटी पर दबाव बनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में किसानों को अब लग रहा है कि उन्होंने धान नहीं अफीम की खेती कर ली है. कवर्धा में किसानों ने तहसीलदार को बंधक बना लिया. मुंगेली, राजनांदगांव, गरियाबंद जैसी कई जगहों पर किसानों के प्रदर्शन की खबर है. सरकार ने 15 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदने की बात सरकार ने कहीं थी. जो कोटा सरकार ने फिक्स किया है उसकी लिमिट तय करने की जरूरत है. सरकार अपने तुगलकी आदेश को वापस ले.
रमन सिंह ने यह भी कहा कि किसानों को इतना भटका दिया गया है कि वह मंडी, सोसायटी न आकर औने-पौने दाम पर धान बेच दे. किसान का बेटा किसानों की पीड़ा समझने की बजाय किसानों को प्रताड़ित कर रहा है. किसान वैसा ही है. लेकिन यदि कोई बदला है तो वह है मुख्यमंत्री. मुझे लगता है इनका पांच साल अध्ययन दल बनाने और उसकी रिपोर्ट आने में चला जायेगा. शराबबंदी का भी हाल वही होगा जैसा धान खरीदी का है. हम सब सोसायटी में जाकर किसानों के साथ आन्दोलन करेंगे. किसानों को अकेला नही छोड़ेंगे.