रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों के और विस्तार, भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति विकसित करने और आतंकवाद की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता की. ऑस्टिन के तीन-राष्ट्रों के पहले विदेशी दौरे में भारत तीसरा देश है. अमेरिकी रक्षा मंत्री इस यात्रा को क्षेत्र में अपने करीबी सहयोगियों के साथ संबंधों के लिए बाइडन प्रशासन की प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है. वार्ता के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन III ने शनिवार को संयुक्त बयान जारी किया.
इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत के बाद कहा कि सिंह और मैंने बहुत ‘सार्थक चर्चा’ की. वहीं राजनाथ ने ऑस्टिन से मुलाकात के बाद कहा कि सेनाओं के बीच आपसी भागीदारी, सूचना साझा करने और साजोसामान संबंधी सहयोग समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत की गई. अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनाये जाने के बाद यह अमेरिकी रक्षा मंत्री की पहली भारत यात्रा है.
संयुक्त बयान में भारतीय रक्षामंत्री ने कहा कि हम भारत-अमेरिका संबंध को 21वीं सदी की सबसे अहम साझेदारियों में से एक बनाने की उम्मीद करते हैं. राजनाथ ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका के रक्षा उद्योग को भारत के रक्षा क्षेत्र में उदार एफडीआई नीतियों का फायदा उठाने के लिए आमंत्रित करता हूं. सिंह ने कहा कि अमेरिका के साथ एलईएमओए, सीओएमसीएएसए और बीईसीए जैसे द्विपक्षीय रक्षा समझौतों को लागू करने के कदमों पर केंद्रित बातचीत की गई.
रक्षामंत्री ने बताया कि भारतीय सेना और अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान, मध्य कमान और अफ्रीका कमान के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि हम भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं.