देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने बुधवार को कहा कि उसने भारत में कोरोना वायरस महामारी के चलते पीड़ित जापानी ऑटो विनिर्माताओं की मदद के लिए जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (Japan Bank for International Cooperation) से एक अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 7,350 करोड़ रुपये) का अतिरिक्त ऋण जुटाया है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक बयान में कहा कि उसने एक अरब अमरीकी डॉलर का ऋण जुटाने के लिए अक्टूबर 2020 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और ताजा उधारी के साथ जेबीआईसी से ली गई कुल ऋण राशि दो अरब डॉलर हो गई है.
अक्टूबर 2020 में एक बयान में कहा गया है कि इस एक अरब डॉलर की राशि में से 60 करोड़ डॉलर जेबीआईसी उपलब्ध कराएगा. शेष 40 करोड़ डॉलर अन्य भागीदार बैंक, यानी एसएमबीसी, एमयूएफजी बैंक, मिजुओ बैंक और शिजुओका बैंक तथा योकाहामा बैंक द्वारा दी जाएगी.
ऑटो सेक्टर की होगी मदद
बयान में कहा गया कि इस ऋण भारत में जापानी ऑटो विनिर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और डीलरों को सहायता दी जाएगी, जिनकी व्यावसायिक गतिविधियां कोविड 19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. बयान में कहा गया है कि इससे भारत में जापानी ऑटोमोबाइल विनिर्माताओं के कारोबार की पूरी श्रृंखला के लिए वित्त उपलब्ध हो सकेगा.
जानिए जेबीआईसी के बारे में
जेबीआईसी एक नीति आधारित वित्तीय संस्थान है, जो पूरी तरह से जापान सरकार के स्वामित्व में है और जिसका उद्देश्य जापान, अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और समाज के विकास में योगदान करना है.
भारत में इन जापानी ऑटो कंपनियों का है दबदबा
एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश खारा ने कहा कि ऐसे समय में, जब लोग आने जाने के लिए निजी वाहन को प्राथमिकता दे रहे हैं, एसबीआई और जेबीआईसी के बीच यह सहयोग जापानी ऑटोमोबाइल उद्योग की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को ऋण सुविधा प्रदान करने में मदद करेगा, जिसमें विनिर्माता, आपूर्तिकर्ता और डीलर शामिल है. भारतीय ऑटो क्षेत्र में जापानी कंपनियों का दबदबा है, जिनमें मारुति सुजुकी, टोयोटा किर्लोस्कर और होंडा शामिल हैं.