केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने गुरुवार को 6 राज्यों के साथ कोविड स्थिति (Covid Situation) को लेकर बैठक की. इस दौरान सभी राज्यों की तरफ से वैक्सीन कोटा बढ़ाने की मांग की गई. राज्य
लगातार शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं मिल रही है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह की कोशिशें सरकार के समग्र प्रयासों को नुकसान पहुंचाती हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे जनता के बीच संकुचित राजनीति तैयार होती है.
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर वर्धन के साथ बैठक में महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान और दिल्ली शामिल थे. खास बात है कि ये सभी राज्य महामारी की दूसरी लहर से सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं. वैक्सीन की कमी के चलते दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान में वैक्सीन प्रोग्राम के रुकने की खबरें आ गई हैं. इन राज्यों में 45 साल से कम उम्र के लोगों के लिए कुछ समय तक वैक्सीन प्रोग्राम को रोक दिया गया है.
सरकार ने 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दिए जाने का फैसला किया था. इसके साथ ही 45 से ज्यादा उम्र वालों का टीकाकरण भी जारी था. ऐसे राज्यों में पर्याप्त वैक्सीन की कमी की खबरें सामने आईं, क्योंकि 45 साल से कम और इससे ज्यादा आयुवर्ग को टीका लगाने के लिए मौजूदा सप्लाई पर्याप्त नहीं थी. हालांकि, केंद्र ने राज्यों और केंद्र सरकारों से कहा था कि वे 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण पर ध्यान दें. क्योंकि ये लोग ज्यादा जोखिम में हैं.
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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा राज्य सरकारों के पास वैक्सीन हासिल करने के लिए गैर-सरकारी माध्यम भी उपलब्ध हैं. इसके तहत राज्य सीधे निर्माताओं से वैक्सीन हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा बैठक में मौजूद सभी स्वास्थ्य मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्री से एक आम नीति बनाने की अपील की, जिसके तहत विदेशी निर्माताओं से वैक्सीन प्राप्त की जा सके.
दिल्ली, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों की सरकारों ने वैक्सीन हासिल करने के लिए ग्लोबल टेंडर का सहारा लिया है. इसके तहत वे विदेशी निर्माताओं से टीका प्राप्त करने की कोशिश में हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंद्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश जारी किया गया है, जिसमें विदेशी वैक्सीन निर्माताओं से तीन दिनों में प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है