सरकार नई साइबर सुरक्षा रणनीति इस साल जारी करेगी। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संयोजक राजेश पंत ने पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इस रणनीति में देश के साइबर क्षेत्र के समूचे पारिस्थितिकी तंत्र को शामिल किया जाएगा।
शुक्रवार को पीएएफआई के कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पंत ने कहा कि सरकार के नई साइबर सुरक्षा रणनीति इसी साल जारी करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ”इस रणनीति का दृष्टिकोण एक सुरक्षित, संरक्षित, मजबूत, गतिशील और भरोसेमंद साइबर क्षेत्र होगा।”
पंत ने कहा कि नई रणनीति विभिन्न पहलुओं से निपटने के दिशानिर्देश के रूप में काम करेगी। यह राष्ट्रीय संसाधन के रूप में डेटा, देश में क्षमता का निर्माण या साइबर ऑडिट कुछ भी हो सकता है।
पीएएफआई ने पंत के हवाले से बयान में कहा कि इस नई रणनीति के तहत करीब 80 चीजें सामने आएंगी।
पीएएफआई की चर्चा का विषय ‘नए मौजूदा परिवेश में साइबर सुरक्षा’ को लेकर रखा गया था।
दूरसंचार क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा पर पंत ने कहा कि जहां अन्य देशों ने ऐसी कंपनियों की काली सूची तैयार की है जो उनके यहां परिचालन नहीं कर सकती हैं, वहीं भारत एकमात्र देश है जिसने ऐसी दूरसंचार कंपनियों की श्वेत सूची तैयार की है, जिन्हें देश में परिचालन की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों को अनुमति दी जाती है वह ‘विश्वसनीय स्रोत’ होने चाहिये। उन्होंने कहा, ”महामारी के दौरान छह माह के भीतर हमने विश्वसनीय दूरसंचार पोर्टल को तैयार किया और उसे जारी किया।