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जातिगत जनगणना पर बोले कुशवाहा-मांझी: विरोध करनेवाले बाबा साहब अंबेडकर व संविधान के खिलाफ

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 जनता दल यूनाइटेड (JDU) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर एक बार फिर उन पार्टियों-नेताओं को निशाने पर लिया है जो इसका विरोध कर रहे हैं, या फिर खुलकर समर्थन नहीं कर रहे हैं. कुशवाहा ने नाम तो कांग्रेस का लिया, लेकिन उनके टारगेट पर भाजपा के नेता रहे. उपेन्द्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना (Caste Census) अब तक नहीं कराने के लिए कांग्रेस को  जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि भले ही कांग्रेस आज इस मुहिम में आज साथ है, लेकिन अगर कांग्रेस चाहती तो यह कब का हो गया होता. वहीं, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jeetan Ram Manjhi) ने भी भाजपा पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है. उन्होंने विरोध करने वालों को संविधान और बाबा साहब अंबेडकर का विरोधी बताया है.

जीतन राम मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा, जो आज जातिगत जनगणना का विरोध कर रहें है वह असल मायने में संविधान और बाबा अंबेडकर के विरोधी हैं. संविधान में समाजिक और आर्थिक तौर पर पिछडों के लिए आरक्षण का प्रवधान है ना कि आर्थिक तौर पर पिछडों के लिए. नाम में टाइटल लगा अपनी जाति बताने वालों आपको जातिगत जनगणना से डर क्यों है?

इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने बिना नाम लिए भाजपा नेताओं के बारे में कहा कि कुछ लोग तकनीकी रूप से इस बार जातिगत जनगणना नहीं हो पाने की बात कह रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं क्योंकि बस एक कॉलम ही तो बढ़ाना है. भाजपा में कुछ लोग हैं जो अलग बयान दे रहे हैं, लेकिन भाजपा में भी बड़ी संख्या में लोग जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री के साथ 23 अगस्त को हुई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय दल की मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj singh) ने कहा है कि जो भी जनगणना हो, वह समाज के हित के लिए हो, राजनीतिक हित के लिए नहीं.

इसी मुद्दे को लेकर भाजपा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ सीपी ठाकुर ने कहा है कि जनगणना का आधार जाति नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिति होनी चाहिए. प्रधानमंत्री पर जाति आधारित जनगणना कराने के लिए दबाव बनाना उचित नहीं है. उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जनगणना अगर हो, तो अमीरी और गरीबी के आधार पर हो.सीपी ठाकुर ने कहा कि जातीय जनगणना समाज को बांटने की साजिश है. जाति में समाज को बांटने का कोई मतलब नहीं है. सभी भारत माता के संतान हैं. भाजपा ऐसे भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की अवधारणा पर चलती है.