तमिलनाडु (Tamilnadu) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने कहा कि वह सरकारी संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने की योजना (NMP) के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखेंगे. सीएम ने गुरुवार को विधानसभा के सत्र के दौरान यह बात कही. स्टालिन ने कहा- ‘हम केंद्र की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन योजना (NMP) पर अपना विरोध व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे. हमारा मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को बेचना या पट्टे पर देना राष्ट्रीय हित में नहीं है.’ बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की एनएमपी की घोषणा की है. इसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण शामिल हैं. इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाये जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जाएगा.
निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी एवं वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनियों की पहचान की गयी है. इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जाएगा.
राहुल भी जता चुके हैं विरोध
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनएमपी की घोषणा को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर फिर से निशाना साधा था. उन्होंने ‘इंडिया ऑन सेल’ हैशटैग से ट्वीट किया, ‘सबसे पहले ईमान बेचा और अब….’.
राहुल गांधी ने सरकार की इस घोषणा को युवाओं के ‘भविष्य पर आक्रमण’ करार दिया था और आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 साल में जनता के पैसे से बनी देश की बहुमूल्य संपत्तियों को अपने कुछ उद्योगपति मित्रों को ‘उपहार’ के रूप में दे रहे हैं. उन्होंने यह दावा भी किया था कि एनएमपी से कुछ कंपनियों का एकाधिकार हो जाएगा जिस कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाएगा.
उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एनएमपी की घोषणा को लेकर आरोप लगाया था कि सरकार ने देश को ‘बेचने’ की आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है. माकपा ने एक बयान में कहा, ‘केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से भारत को बेचने की घोषणा कर दी है. एनएमपी हमारी राष्ट्रीय संपत्तियों और आधारभूत अवसंरचना की लूट है.’