Monsoon Update: दक्षिण पश्चिम मानसून 8 जून को केरल पहुंचा था और अब ये नार्मल गति से ही आगे बढ़ रहा है लेकिन इस बीच मौसम की जानकारी देने वाली न्यूज एजेंसी स्काईमेट ने कहा कि अगले चार हफ्तों में मानसून की गति काफी धीमी रहने वाली है।
जिसके बाद किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है।

स्काईमेट ने कहा कि इंडिया के वेस्ट वाले हिस्से कम बारिश की मार झेल सकते हैं। एजेंसी ने कहा है कि एक तो पहले से ही मानसून केरल इस बार सात दिन लेट पहुंचा है और उसके बाद अब चक्रवात बिपारजॉय के कारण इसकी चाल पर प्रभाव पड़ा है और इसी कारण इसकी चाल पर प्रभाव पड़ा है और ये सुस्त हो गया है, जिससे बारिश कम होगी। केरल में इसकी शुरुआत के बाद मानसून 15 जुलाई तक पूरे देश में आ जाता है। देश में मानसून सीजन जून से लेकर सितंबर तक रहता है।
मानसून की बारिश बहुत ज्यादा जरूरी होती है
आपको बता दें कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और खरीब की फसलों को लिए मानसून की बारिश बहुत ज्यादा जरूरी होती है। क्योंकि मानसून के जरिए इंडिया की 75 प्रतिशत बारिश कवर हो जाती है। बारिश होने से फसल सही समय पर होती है लेकिन अगर इसमें हेर-फेर होने से महंगाई की मार झेलनी पड़ जाती है। इसलिए स्काईमेट की ये भविष्यवाणी निश्चित तौर पर लोगों को लिए निराशा वाली बात है।
भारी बारिश का अलर्ट जारी
मालूम हो कि चक्रवात बिपारजॉय की वजह से इस वक्त गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी है। तो वहीं आज मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़, झारखंड , बिहार, पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश में हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है तो वहीं हिमाचल, कश्मीर और लद्दाख में तेज बारिश होने के आसार हैं जबकि अरुणाचल, मिजोरम और सिक्किम में भारी बारिश का अलर्ट जारी है।
मौसम विभाग ने दी जानकरी
जहां तक मानसून की बात है ये 25 जून को गुजरात, राजस्थान के कुछ हिस्सों में , मध्य यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में दस्तक दे सकता है तो वहीं 30 जून को पूरे राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में प्रवेश करेगा। हालांकि मौसम विभाग ने इस बारे में कहा है कि मानसून लेट जरूर हुआ लेकिन ये निराश नहीं करेगा और सामान्य गति से बारिश होगी। इसलिए किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि अलनीनो इफेक्ट के कारण बरसात कम और ज्यादा हो सकती है लेकिन बारिश में कमी हो ऐसे आसार नजर नहीं आ रहे हैं।