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जी20 में भी अफ्रीकी देशों पर पीएम मोदी का फोकस, चीन को यूं झटका देने का है प्लान

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राजधानी दिल्ली में जी20 की औपचारिक बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं। शुक्रवार को वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और इसके बाद डिनर का आयोजन होगा।

वहीं पीएम मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और मॉरिशस के पीएम प्रविंद जुगनाथ के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। रविवार को वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी के साथ मीटिंग करने वाले हैं। असौमानी अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष के रूप में जी20 सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।

अफ्रीकी संघ को पीएम मोदी ने दी अहमियत
जी20 सम्मेलन में अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों और अफ्रीकी संघ को पीएम मोदी ने काफी अहमियत दी है। कोरोना महामारी के बाद अफ्रीकी देश आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। वहीं अफ्रीका के कई देश चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट रोड के तहत भी आते हैं और उनपर चीन का काफी कर्ज हो गया है। उन देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चीनी बैंकों ने पैसा लगाया है और अब वे देश बोझ तले दब गए हैं। मेजबान के तौर पर पीएम मोदी इस दौरान काफी व्यवस्त रहने वाले हैं। फिर भी उन्होंने कई मेहमानों से मिलने और द्विपक्षीय वार्ताओं को समय फिक्स किया है।

किन मुद्दों पर होगी चर्चा
जी20 सम्मेलन और अलग से होने वाली मुलाकातों में जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा अहम हो सकता है। जी20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास होता है। यूक्रेन का मुद्दा वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिहाज से अहम है। इसके अलावा कोयला बनाम अन्य खनिज ईंधन को लेकर भी चर्चा होने वाली है। पर्यावरण के लिहाज से ग्रीन एनर्जी पर बल दिया जाना जी20 सम्मेलन का बड़ा टॉपिक होगा। वहीं खानपान में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के मामले पर भी चर्चा होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस दक्षिणी दुनिया यानी अफ्रीकी देशों पर रहने वाला है। कोरोना महामारी के बाद खराब होती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दुनियाभर के देशों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। भारत इसपर अपने विचार रख सकता है और जी20 देशों से अफ्रीकी देशों की मदद की भी अपील कर सकता है ताकि वहां राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता लाई जा सके।