“ट्रंप के टैरिफ पर अब RSS हुआ एक्टिव, दिल्ली में 2 दिन बैठक; बनेगी रणनीति”
अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस मामले में एक्टिव हो गया है। इसी के मद्देनजर आरएसएस दिल्ली में बड़ी बैठक करेगा। ये बैठक 19 और 20 अगस्त को होगी, जिसमें टैरिफ पर आगे की रणनीति तय होगी और संगठन सिफारिशें केंद्र सरकार को भेजेगा।
जानकारी के अनुसार दिल्ली में आरएसएस की होने जा रही इस बैठक की अध्यक्षता संघ प्रमुख मोहन भागवत करेंगे। इसके अलावा बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले समेत सभी छह सह-सरकार्यवाह और कई अखिल भारतीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में इंडिया पर लगाए गए ट्रैरिफ समेत देश के भविष्य के लिए विदेश नीति क्या रहे? इस पर चर्चा होने की संभावना है।
टैरिफ का बोझ कैसे हो कम? केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी सिफारिशें सूत्रों के मुताबिक इन दो दिन बैठक में अमेरिकी टैरिफ नीति से भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर पर गहन चर्चा होगी। जिसमें टैरिफ से भारतीय कारोबारियों पर पड़ने वाले बोझ, उसे कम करने का रास्ता निकाला जाने का रास्ता तलाश जाएगा। इसके अलावा बैठक में टैरिफ के संभावित कुप्रभावों, उनसे कैसे निपटा जाए इस पर रणनीति तय की जाएगी। अंत में कुछ सिफारिशें केंद्र सरकार के पास भेजी जा सकती हैं।
टैरिफ पर डिटेल प्रेजेंटेशन, निपटने पर होगी प्लानिंग सूत्रों की मानें तो संघ का आर्थिक समूह इस मुद्दे पर बैठक में डिटेल प्रेजेंटेशन देगा। फिर उस पर चर्चा कर आगे की प्लानिंग की जाएगी। टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। इस बारे में RSS नेता राम माधव ने शनिवार को कहा कि ट्रंप एक लेन-देनवादी व्यक्ति हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। भारत इस मुद्दे पर फेल नहीं हुआ है।
ट्रंप की है अपनी शैली, आरएसएस और भाजपा में मतभेद नहीं आरएसएस नेता राम माधव ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिफ मुनीर की इंडिया को परमाणु धमकी पर कहा कि कोई भी हमारे देश को परमाणु धमकी से नहीं डरा सकता। उन्होंने इस मुद्दे पर अमेरिकी की प्रतिक्रिया की निंदा की। वहीं डोनाल्ड ट्रंप और आसिफ मुनीर की मुलाकात पर कहा कि हमें ट्रंप की शैली समझनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने उत्तर कोरिया के किम जोंग उन से भी बातचीत की थी, यही उनकी शैली है। उधर, भाजपा और आरएसएस के बीच मतभेद की अटकलों पर राम माधव ने कहा कि दोनों एक विचार से जुड़े दो अलग-अलग संगठन हैं। भाजपा राजनीतिक कार्य करती है, और आरएसएस समाज में समुदाय के बीच काम करता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि दोनों के बीच कोई मनमुटाव या मतभेद नहीं है।